अफगानिस्तान के काबुल से वायुसेना के सी-17 विमान में 168 यात्री भारत आए. यह विमान हिंडन एयरपोर्ट पर उतरा. एनडीटीवी से बात करते हुए एक यात्री नजीब ने कहा कि वहां पर खतरे बहुत ज्यादा थे. तीन दिन से बहुत परेशान थे क्योंकि फ्लाइट नहीं मिल रही थी. कल बहुत बड़ी समस्या से सामना हुआ. तालिबान ने कम से कम दो घंटे तक हम लोगों को पकड़कर रखा. हालांकि वे सिर्फ कागजात देख रहे थे, जैसे कि पासपोर्ट ओरिजनल है या नहीं. उन्हें एक दिन पहले पता चला था कि 12 लोग नकली पासपोर्ट बनवाकर बाहर जा रहे हैं.
नजीब ने कहा कि तालिबान ने उन्हें रोका और सिर्फ पासपोर्ट की जांच की, अन्य किसी प्रकार से परेशान नहीं किया. नजीब अफगानी नागरिक हैं. जानकारी आई थी कि अफगानियों को विदेश जाने से रोका जा रहा है. उनके अफगानी होने के बावजूद उन्हें भारत कैसे आने दिया? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जिसके पास वीजा और परमीशन है और इंडिया से कोई फैमिली कनेक्शन है उसे जाने दे रहे हैं.
उन्होंने बताया कि तालिबानियों ने एकस जगह पर अफगानियों की बस को जाने दिया था और भंरतीयों की बस को जाने दिया था. हमें भी तनाव था, कि क्यों रोका, क्योंकि तालिबान कुछ भी कर सकता है. बाद में पता चला कि सारे भारतीयों के उन्होंने फोटो खींचे और फिर एयरपोर्ट भेज दिया.
नजीब ने बताया कि तीन दिन से काबुल से रवाना होने की कोशिश कर रहे थे लेकिन बहुत भीड़ थी और बहुत समस्या चल रही थी. अफगानिस्तान में सभी बाहर जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वे भारत आकर खुश हैं, साथ में अम्मी और सिस्टर हैं. उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं, अफगानी किसी भी देश में जाना चाहते हैं.
नजीब ने कहा कि तालिबान की पहले की हुकूमत में भी कोई खुश नहीं था. वह बहुत जुल्म करते थे. वे जबान के पक्के नहीं हैं इसलिए किसी को उन पर भरोसा नहीं है. देश तभी आगे जाएगा जब उसके अन्य देशों से रिश्ते बनेंगे. लेकिन उनका रवैया कोई भी देश पसंद नहीं करता.