दूसरे चरण के मतदान से पहले बढ़ते राजनीतिक तापमान के बीच भाजपा के केरल अभियान की परीक्षा

इस चरण में, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी नेता शशि थरूर तथा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और राजीव चंद्रशेखर सहित भाजपा और विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता मैदान में हैं.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
तमिलनाडु की तरह केरल में भी भाजपा के विस्तार अभियान की परीक्षा

केरल में क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सूखा खत्म होगा? क्या कांग्रेस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीखे हमले के बाद बढ़े राजनीतिक तापमान से मतदान प्रतिशत में इज़ाफा होगा? ये कुछ सवाल उन 89 लोकसभा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जेहन में हैं, जहां शुक्रवार को मतदान है. इस चरण में, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी नेता शशि थरूर तथा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और राजीव चंद्रशेखर सहित भाजपा और विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता मैदान में हैं.

भाजपा ने 2019 के चुनाव में इनमें से 53 और उसके मौजूदा सहयोगियों ने 12 सीट जीती थीं, जिनमें उत्तर प्रदेश की आठ में से सात, राजस्थान की सभी 13, महाराष्ट्र में आठ, मध्य प्रदेश में सात सीट तथा असम और बिहार की पांच में से चार-चार सीट शामिल थीं. पिछले आम चुनाव में अब विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया' के घटकों ने 23 सीट जीती थीं. सीट की अपनी संख्या को बेहतर करने के लिए भाजपा को न केवल अपने गढ़ में पकड़ बरकरार रखनी होगी, बल्कि नए स्थानों पर भी पैठ बनानी होगी. प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भाजपा विमर्श की लड़ाई में विपक्षी ‘इंडिया' का मुकाबला कर रही है.

पहले चरण में 19 अप्रैल को 102 सीट पर मतदान के बाद, प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर अपना हमला तेज कर दिया है और उस पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण में से मुसलमानों को आरक्षण प्रदान करने की कोशिश का आरोप लगाया है. उन्होंने अपनी चुनावी रैलियों में मतदाताओं को यह भी चेतावनी दी है कि कांग्रेस केंद्र में सरकार बनने पर उन लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए महिलाओं के 'मंगलसूत्र' सहित उनकी संपत्ति छीन लेगी, जो 'घुसपैठिए' हैं और जिनके अधिक बच्चे हैं. उन्होंने इस बाबत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला दिया है.

दूसरी ओर, कांग्रेस ने उन पर झूठ बोलने और सांप्रदायिक विभाजन फैलाने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि वह भाजपा के खराब प्रदर्शन से परेशान हैं. पार्टी ने उनकी निर्वाचन आयोग से शिकायत की है. भाजपा ने भी गांधी सहित कांग्रेस नेताओं के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने दोनों दलों के अध्यक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. भीषण गर्मी पर बढ़ता राजनीतिक तापमान हावी होता है या नहीं और बूथ पर अधिक मतदाताओं के पहुंचने जैसी चीज़ों पर राजनीतिक पर्यवेक्षकों की नज़र रहेगी. कुछ हलकों में, पहले चरण के दौरान कम मतदान के लिए भीषण गर्मी को जिम्मेदार ठहराया गया था.

तमिलनाडु की तरह केरल में भी भाजपा के विस्तार अभियान की परीक्षा होगी, तो महाराष्ट्र और कुछ हद तक कर्नाटक जैसे राज्यों पर उत्सुकता से नजर रखी जा रही है क्योंकि 2019 के बाद से वहां कई नए कारक सामने आए हैं. तमिलनाडु में पहले चरण में मतदान हो चुका है. पिछले राष्ट्रीय चुनावों में भाजपा के सहयोगी रहे उद्धव ठाकरे अब महाराष्ट्र में ‘इंडिया' गठजोड़ का चेहरा हैं, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना भाजपा की सहयोगी है.

एक अन्य प्रमुख क्षेत्रीय दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी विभाजित हो गई है और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को वास्तविक राकांपा के रूप में मान्यता दी गई है और यह अब भाजपा के साथ है. राकांपा के संस्थापक शरद पवार विपक्षी गठजोड़ का हिस्सा हैं. भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को पिछली बार पश्चिमी राज्य की 48 में से 41 सीट पर जीत मिली थी जहां उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक लोकसभा सीट हैं.

Advertisement

कर्नाटक में अब कांग्रेस सत्ता में है और उसकी पूर्व सहयोगी जद(एस) भाजपा के खेमे में है. भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का राज्य की 28 सीट में से 27 पर कब्जा है, और इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठजोड़ उसके गढ़ में सेंध लगाने के लिए अपनी कल्याणकारी योजनाओं पर भरोसा कर रहा है.

भाजपा केरल में अपना खाता खोलने के लिए अभिनेता सुरेश गोपी, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी पर भरोसा कर रही है. केरल में लोकसभा चुनाव में पार्टी का कोई भी उम्मीदवार कभी नहीं जीता है. तिरुवनंतपुरम में चंद्रशेखर का मुकाबला तीन बार के कांग्रेस सांसद थरूर से है. गांधी वायनाड से मैदान में हैं. वह इस क्षेत्र का वर्तमान में लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं. पहले चरण में मतदान 62.37 प्रतिशत दर्ज किया गया. 2019 में पहले चरण में मतदान प्रतिशत 69.43 फीसदी था जब 91 सीट पर वोट पड़े थे.

Advertisement

ये भी पढ़ें : दूसरे चरण में 13 राज्यों की 89 सीट पर मतदान शुक्रवार को, राहुल गांधी की सीट भी इसमें शामिल

ये भी पढ़ें : NDTV इलेक्शन कार्निवल पहुंचा इंदौर, सुमित्रा महाजन ने बताया कैसे पूरा होगा BJP का 'मिशन 400'

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
France ने माना Palestine को देश, Israel-America अकेले पड़े! | World Shocked by Macron's Move at UN