किसी भी तरह का आतंकवाद मानवता के खिलाफ अपराध: राजनाथ सिंह ने एससीओ सम्मेलन में कहा

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बुधवार को ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) के सम्मेलन में कहा कि सीमा पार से आतंकवाद (Terrorism) सहित इसका कोई भी रूप ‘‘मानवता के खिलाफ एक अपराध’’ है और इससे एकजुट होकर निपटना चाहिए.

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राजनाथ सिंह ने कहा आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है. 
नई दिल्ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बुधवार को ताशकंद में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) के सम्मेलन में कहा कि सीमा पार से आतंकवाद (Terrorism) सहित इसका कोई भी रूप ‘‘मानवता के खिलाफ एक अपराध'' है और इससे एकजुट होकर निपटना चाहिए. उनका परोक्ष रूप से इशारा भारत के खिलाफ पाकिस्तान से होने वाली आतंकी गतिविधियों की ओर था. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ समेत एससीओ के सदस्य राष्ट्रों के रक्षा मंत्रियों की उपस्थिति में सिंह ने कहा कि इस संगठन को हर तरह के आतंकवाद को समाप्त करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए तथा अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकी हमले के लिए नहीं होना चाहिए.

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में सभी तरह के आतंकवाद से लड़ने और क्षेत्र को शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं स्थिर बनाने के भारत के संकल्प को भी दोहराया. यूक्रेन के हालात पर भारत की ओर से चिंता व्यक्त करते हुए सिंह ने कहा कि नयी दिल्ली संकट के समाधान के लिए रूस एवं यूक्रेन के बीच वार्ता का समर्थन करती है. सिंह ने कहा कि एससीओ के सदस्य राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय तरीके से और ‘समानता, सम्मान एवं परस्पर समझ' के आधार पर संगठन की रूपरेखा के तहत मजबूत संबंधों की दरकार है. उन्होंने एससीओ के सभी सदस्य देशों को अगले साल भारत आने का न्योता दिया, जब नयी दिल्ली को उज्बेकिस्तान के स्थान पर संगठन की अध्यक्षता मिलेगी.

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक है. भारत सभी तरह के आतंकवाद से लड़ने और क्षेत्र को शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं स्थिर बनाने के अपने संकल्प को दोहराता है.''सिंह ने कहा, ‘‘हम एससीओ के सदस्य देशों के साथ संयुक्त संस्थागत क्षमताओं को विकसित करना चाहते हैं, जो प्रत्येक देश की संवेदनाओं का सम्मान करते हुए लोगों, समाजों एवं देशों के बीच सहयोग की भावना पैदा करेगा.''

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उन्होंने कहा कि किसी के भी द्वारा और किसी भी मकसद से सीमापार से आतंकवाद समेत किसी भी तरह की दहशतगर्दी मानवता के विरुद्ध अपराध है. माना जा रहा है कि बयान में परोक्ष रूप से पाकिस्तान का संदर्भ था. रक्षा मंत्री ने एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए भी भारत का पूरा समर्थन व्यक्त किया, वहीं उसकी संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता, राष्ट्रीय एकता का सम्मान करने तथा उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की जरूरत पर जोर दिया.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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