- असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग के खेरेनी इलाके में हिंसा में दो लोगों की मौत हुई है
- प्रशासन ने मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाया और अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया है
- कार्बी समुदाय के सदस्य फेलंगपी में संरक्षित भूमि पर अतिक्रमण के विरोध में एक सप्ताह से भूख हड़ताल पर हैं
असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग के खेरेनी इलाके में मंगलवार को भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत की खबर है. बताया जा रहा है कि इस हिंसा में एक शख्स की मौत पुलिस की फायरिंग जबकि दूसरे की मौत आगजनी के कारण हुई है. इलाके में हालात को बिगड़ता देख प्रशासन ने मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं.हालात बेकाबू होता देख अधिकारियों को अतिरिक्त सुरक्षा बल की तैनाती करने पर मजबूर होना पड़ा है. साथ ही इलाके में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू के चलते पूरे कार्बी आंगलोंग में इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई है.
एक सप्ताह से हो रहा है विरोध
आपको बता दें कि एक सप्ताह से जिले के मूल निवासी कार्बी समुदाय के सदस्य फेलंगपी में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. वे उन लोगों को बेदखल करने की मांग कर रहे हैं, जिन पर उन्होंने ग्राम चराई आरक्षित (VGR) और व्यावसायिक चराई आरक्षित (PGR) भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाया है. ये क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची के तहत संरक्षित हैं और आदिवासी भूमि अधिकारों की रक्षा करते हैं.
भूख हड़ताल कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने पर बढ़ा बवाल
कार्बी समूह गैर-आदिवासी समुदायों (बिहारी, नेपाली, बंगाली) द्वारा 7,184 एकड़ से अधिक संरक्षित भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगाते रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यह क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत आता है, जो कार्बियों जैसे मूल निवासियों के लिए भूमि और संसाधनों पर अधिकारों की रक्षा करती है. सरकार गुवाहाटी उच्च न्यायालय में कथित रूप से अतिक्रमित भूमि को लेकर चल रहे मामलों का हवाला दे रही है, जिसने पहले भी बेदखली अभियानों पर रोक लगा दी थी. 22 दिसंबर की सुबह उस समय तनाव तेजी से बढ़ गया जब अधिकारियों ने फेलंगपी/खेरोनी क्षेत्र में भूख हड़ताल कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए कार्रवाई की.
सरकार ने भी रखी अपनी बात
उधर, सरकार का कहना है कि कार्बी विरोध समूह के कुछ नेता अस्वस्थ थे, इसलिए उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा.असम के शिक्षा मंत्री रानोज पेगू ने मंगलवार को पश्चिम कार्बी आंगलोंग के खेरोनी का दौरा किया और स्थिति का जायजा लेते हुए स्थानीय निवासियों से बातचीत की. उन्होंने शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था बहाल करने की अपील की है. अपने दौरे के दौरान नाराज निवासियों ने बेहतर बुनियादी ढांचे और शांति की वापसी की मांग करते हुए नारे लगाए और कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलिराम रोंगहांग के खिलाफ अपना गुस्सा भी जताया है. खास बात ये है कि रोंगहांग असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के करीबी माने जाते हैं.














