उत्तर भारत में इस बार पड़ सकती है हाड़ कंपाने वाली सर्दी, 3°C तक जा सकता है पारा

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जनवरी-फरवरी में कुछ उत्तरी इलाकों में तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक जाने की संभावना है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
उत्तरपूर्व एशिया में तापमान में गिरावट के आसार (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

उत्तरपूर्व एशिया में इस बार कड़ाके की ठड़ पड़ सकती है और इससे क्षेत्र में उर्जा संकट बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है. भारत की बात करें तो जनवरी और फरवरी में देश के कुछ उत्तरी इलाकों में तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है. मौसम की स्थिति के लिए ला नीना (La Nina) को जिम्मेदार बताया जा रहा है. प्रशांत क्षेत्र में ला नीना उभर रहा है. आमतौर पर इसका अर्थ है कि उत्तरी गोलार्ध में तापमान का सामान्य से कम रहना. इस स्थिति ने क्षेत्रीय मौसम एजेंसियों को कड़ाके की सर्दी के बारे में चेतावनी जारी करने के लिए प्रेरित किया है.    

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कई देश खासकर चीन ईंधन की ऊंची कीमतों और बिजली के संकट से जूझ रहे हैं. कोयले और गैस के दाम पहले से ऊंचाई पर हैं. ऐसे में कड़ाके की ठंड से इन चीजों की मांग और बढ़ेगी. डेटा प्रोवाइडर डीटीएन में मौसम गतिविधियों के उपाध्यक्ष रेनी वांडेवेगे ने कहा, "हम उम्मीद कर रहे हैं कि पूरे उत्तरपूर्व एशिया में इस बार सर्दी में तापमान सामान्य से कम रहेगा."

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जनवरी-फरवरी में कुछ उत्तरी इलाकों में तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक जाने की संभावना है. अन्य देशों के विपरीत, ठंडा मौसम यहां आमतौर पर कम ऊर्जा खपत दर्शाता है क्योंकि एयर कंडीशनिंग की मांग हो जाती है.   

READ ALSO: यूपी में बारिश के संकेत, दिल्ली में पारा गिरने से ठंड बढ़ने के आसार

सबसे अहम बात यह कि मानसून सीजन के समाप्त होने के बाद देश में शुष्क अवधि का अनुमान लगाया जा रहा है. हाल के महीनों में प्रमुख कोयला खनन क्षेत्रों का बाढ़ का सामना करना पड़ा, जिससे देश की 70 प्रतिशत बिजली के उत्पादन के लिए सप्लाई होने वाले ईंधन (कोयले) की आपूर्ति में गिरावट आई. 

Atmospheric G2 में मौसम विज्ञान के निदेशक टॉड क्रॉफर्ड के अनुसार, ला नीना की घटनाओं के अलावा अन्य कारक भी हैं जो उत्तरपूर्व एशिया के सर्दियों के मौसम को प्रभावित कर सकते हैं. जलवायु परिवर्तन के कारण आर्कटिक के कारा सागर में समुद्री बर्फ की कमी हो गई है, जो क्षेत्र में उच्च दबाव से छुटकारा पाने में योगदान दे सकता है. यह पूरे उत्तरपूर्व एशिया में कड़ाके की ठंड की ओर इशारा करता है जैसे पिछले साल सर्दियों में हुआ था.

वीडियो: दिल्ली में भारी बारिश, मौसम में आई ठंडक

Featured Video Of The Day
Pakistani Trap में क्या फंस गए Donald Trump? | Kachehri With Shubhankar Mishra
Topics mentioned in this article