देश के कई इलाकों में फरवरी में ही लोगों को गर्मी का अहसास होने लगा है. कई इलाकों में तापमान सामान्य से ज्यादा रिकॉर्ड किया जा रहा है. उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में सामान्य से अधिक तापमान पर भारतीय मौसम विभाग के डीजी डॉ. एम महापात्रा ने एनडीटीवी से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने गेहूं की फसल उगाने वाले किसानों को सलाह दी है. महापात्रा ने कहा कि पिछले हफ्ते में गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ इलाके में सबसे ज्यादा औसत से 8 डिग्री ज्यादा तापमान रिकॉर्ड किया गया. उन्होंने कहा कि एंटी-साइक्लोनिक सरकुलेशन की वजह से तापमान औसत से काफी ऊपर रहा है.
उन्होंने बताया कि सेंट्रल इंडिया और उत्तर पश्चिमी भारत में पिछले हफ्ते में तापमान औसत से 5 से 7 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है. आज जो स्थिति है उसके मुताबिक अगले दो दिन में औसत तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है. हालांकि फिर भी उत्तर पश्चिमी भारत, मध्य भारत और पश्चिमी भारत में अगले पांच दिनों तक औसत तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस औसत से ऊपर रहने का अनुमान है.
उन्होंने कहा कि यह किसानों के लिए अच्छी खबर है, लेकिन तापमान औसत से 3 से 5 डिग्री अधिक ही रहेगा. हालांकि तापमान औसत से ज्यादा होने पर गेहूं की फसल समय से पहले तैयार हो जाती है और इससे उसकी पैदावार घट जाती है.
महापात्रा ने इसे लेकर किसानों को सलाह भी दी है. उन्होंने कहा कि हमने गेहूं के किसानों को एडवाइजरी दी है कि जहां-जहां तापमान औसत से ज्यादा है, वहां वह लाइट इरीगेशन का इस्तेमाल करें जिससे औसत से अधिक तापमान के असर से फसल को बचाया जा सके.
मौसम विज्ञान के डीजी ने कहा कि धीरे-धीरे तापमान में कमी आ रही है. अगले 3 दिन में तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस और गिरावट दर्ज होगी. हालांकि फिर भी तापमान औसत से कुछ ज्यादा रहेगा. इसलिए किसानों को सावधानी रखनी होगी, जिससे कि गेहूं की पैदावार पर असर न हो.
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