तेलंगाना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी प्रणीत राव को मंगलवार देर रात तक गिरफ्तार कर लिया गया है. दरअसल, राव पर आरोप है कि उन्होंने स्टेट इंटेलीजेंस के कई सबूतों को मिटाया है. फिलहाल राव 14 दिन के लिए पुलिस हिरासत में हैं. सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान प्रणीत राव ने अधिकारियों को बताया कि अपने पूर्व बॉस के आदेश पर उन्होंने 50 हार्ड ड्राईव को नष्ट कर दिया था. राव ने अधिकारियों को बताया कि राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद ही (पिछले साल 4 दिसंबर को) हार्ड ड्राइव को नष्ट कर दी थी.
सूत्रों के मुताबिक, प्रणीत राव ने IPS अधिकारी टी. प्रभाकर राव का नाम लिया है, राव तेलंगाना स्टेट इंटेलीजेंस ब्यूरो के प्रमुख थे.
स्टेट इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व पुलिस उपाधीक्षक राव को उनके एक वरिष्ठ अधिकारी डी रमेश की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अधिकारी डी रमेश ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक और कई अहम दस्तावेज के गायब होने के बाद उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई.
सूत्रों के अनुसार, राव ने कथित तौर पर राज्य में विपक्षी पार्टियों के नेताओं समेत करीब 50 अहम लोगों के फोन को अवैध रूप से टैप भी किया था. उस समय राज्य में BRS की सरकार थी. बीआरएस के कुछ करीबी लोगों के परिवार के सदस्यों की भी कथित तौर जासूसी हुई थी.
साथ ही सूत्रों ने बताया कि इंटेलीजेंस ब्यूरो का "वामपंथी उग्रवाद" पर नजर रखा रहा था, लेकिन राव की टीम कथित तौर पर राजनीतिक खुफिया जानकारी और विपक्षी नेताओं के ट्रांजेक्शेन की जानकारी इकट्ठा कर रही थी.
पूर्व वरिष्ठ अधिकारी पर चुनाव नतीजों के एक दिन बाद न केवल 10 लाख कॉल रिकॉर्ड मिटाने का आरोप है, बल्कि सीसीटीवी कैमरे बंद करने और हार्ड ड्राइव नष्ट उनकी जगह नई लगाने का आरोप भी है.
पुलिस अधिकारी डी रमेश की शिकायत की रिपोर्ट के अनुसार, राव के पास दो कमरे थे और वे 17 सिस्टम को ऑपरेट करते थे. उनके पास इंटरनेट कनेक्शन के साथ एक स्पेशल लीज लाइन भी थी.