व्हाट्सएप मैसेज के जरिए अपनी पत्नी को प्रतिबंधित तुरंत 'ट्रिपल तलाक' (Triple Talaq) देने के आरोप में आदिलाबाद पुलिस (Adilabad Police) ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान अब्दुल अतीक के रूप में हुई है . पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. आदिलाबाद के महिला पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर जी श्रीनिवास के मुताबिक, अतीक ने 2017 में जैस्मीन नाम की लड़की से शादी की थी.
पुलिस ने बताया, "उनकी दो बेटियां हैं. दो साल से पति-पत्नी के बीच झगड़े हो रहे थे. साल 2013 में पत्नी जैस्मीन ने अपने पति अब्दुल अतीक के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था. फिर वह अदालत गई और भरण-पोषण के लिए पैसे की मांग की. अदालत ने फैसला सुनाया जिसमें पति को पत्नी को हर महीने 7,200 रुपये देने के लिए कहा गया, हालांकि अब्दुल अतीक ने जैस्मीन से कहा कि वह उसे कोई पैसा नहीं देगा.'
इसके बाद जैस्मीन ने फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद अदालत ने अतीक को पेश होने के लिए समन जारी किया.
दंडनीय अपराध है इस तरह से तलाक देना
पुलिस ने कहा, "फिर उसने जैस्मीन को व्हाट्सएप पर तीन बार 'तलाक' लिखा. हमने कल अब्दुल अतीक के खिलाफ मामला दर्ज किया और हम आज उसे रिमांड पर लेने जा रहे हैं."
मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 को संसद ने जुलाई 2019 में पारित किया था. अधिनियम के अनुसार, मुसलमानों में 'तीन तलाक' के माध्यम से तुरंत तलाक देने की प्रथा दंडनीय अपराध है.
तीन साल की जेल की सजा का है प्रावधान
ट्रिपल तलाक (तुरंत तलाक) और तलाक-ए-मुगल्लाजा (अपरिवर्तनीय तलाक) अब तलाक के प्रतिबंधित साधन हैं, जो पहले देश में मुसलमानों के लिए उपलब्ध थे.
इसमें पति के लिए तीन साल तक की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है. नए कानून के तहत एक पीड़ित महिला अपने आश्रित बच्चों के लिए भरण-पोषण की हकदार है.
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