"हम मनोरंजन करने के लिए हैं?" : तेजस्वी ने नीतीश के 'वहां मन नहीं लग रहा था' वाले बयान पर कसा तंज

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के पाला बदलने को लेकर बिहार विधानसभा में कहा कि हो सकता है कि उनकी कुछ मजबूरियां होंगी, जैसे राजा दशरथ की थी जब उन्होंने राम को वन भेजा था.

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नई दिल्ली:

बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव ने पाला बदलने के लिए नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा. पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, "जब आप इस्तीफा देने के बाद राजभवन से बाहर आए, तो आपने कहा 'वहां मन नहीं लग रहा था', हम लोग नाचने गाने के लिए थोड़े हैं. क्या हम आपका मनोरंजन करने के लिए वहां थे? हम वहां आपका समर्थन करने के लिए थे."

तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार ने लगातार नौ बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेकर इतिहास रचा है. उन्होंने एक ही कार्यकाल में तीन-तीन बार शपथ ली, ऐसा हमने पहले कभी नहीं देखा था.

जनता जानना चाहती है कि नीतीश बार-बार पाला क्यों बदलते हैं- तेजस्वी
आरजेडी नेता ने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार की उन मजबूरियों के बारे में पता नहीं है, जिन्होंने उन्हें जदयू, राजद और कांग्रेस वाले महागठबंधन को छोड़ने के लिए मजबूर किया. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग ये जानना चाहते हैं कि वो बार-बार पाला क्यों बदलते रहते हैं.

तेजस्वी यादव ने कहा, "बिहार के किसी भी बच्चे से पूछ लें कि क्या वो नीतीश कुमार पर भरोसा करता है. मैं तो ये कह भी नहीं सकता कि वे इसके लिए किन शब्दों का इस्तेमाल करेंगे."

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'गारंटी' वाले आश्वासन पर तंज कसते हुए कहा, "नीतीश कुमार 2013 के बाद से पांच बार गठबंधन बदल चुके हैं और पूरे समय वो मुख्यमंत्री बने रहे. "क्या इस बार पीएम मोदी गारंटी लेंगे कि वो फिर से पाला नहीं बदलेंगे?"

34 वर्षीय तेजस्वी ने घोषणा की कि, "अब जब समय आएगा, तब तेजस्वी ही आएगा. हम थके हुए लोगों को नहीं चाहते हैं, लेकिन हम मजबूरियों को जानते हैं."

तेजस्वी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधने के लिए रामायण के प्रसंग का भी इस्तेमाल किया. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार अक्सर उन्हें एक बेटे के रूप में संदर्भित करते हैं और वो भी उन्हें दशरथ की तरह एक अभिभावक और पिता के रूप में मानते हैं. हो सकता है कि उनकी कुछ मजबूरियां होंगी, जैसे राजा दशरथ की थी जब उन्होंने राम को वन भेजा था. दशरथ कभी ऐसा नहीं चाहते थे, लेकिन कैकेयी के कारण ऐसा किया. हम चाहते हैं कि आप मुख्यमंत्री बने रहें और अपने वादे पूरे करें, लेकिन साथ ही अपने आसपास कैकेयी को भी पहचानें."

इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने से पहले तेजस्वी यादव की बातें धैर्यपूर्वक सुनीं. नीतीश कुमार ने जनवरी में लालू यादव के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ अपना गठबंधन समाप्त कर लिया था. इसके बाद भाजपा के साथ सरकार बनाने पर उन्हें सदन में अपना बहुमत साबित करना था.

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