- राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं
- तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग बिहार में केवल डाकघर की तरह काम कर रहा है
- तेजस्वी ने सवाल किया कि अन्य राज्यों में आधार कार्ड स्वीकार होता है, लेकिन बिहार में क्यों नहीं
- तेजस्वी यादव ने कहा बिहार के लोगों के पास वे 11 दस्तावेज नहीं हैं, जो चुनाव आयोग ने मांगे हैं.
राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए. बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (S.I.R) पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "5 जुलाई को हमने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी और उनके समक्ष अपने सवाल रखे थे. चिंता की बात यह है कि हमें अभी तक चुनाव आयोग से कोई स्पष्टता नहीं मिली है. आप सभी जानते हैं कि बिहार चुनाव आयोग केवल डाकघर के रूप में काम करता है और उसके पास जवाब देने का कोई अधिकार नहीं है. कल चुनाव आयोग ने तीन अलग-अलग निर्देश जारी किए. इससे साबित होता है कि चुनाव आयोग भ्रमित है."
तेजस्वी यादव ने कहा बिहार के लोगों के पास वे 11 दस्तावेज नहीं हैं, जो चुनाव आयोग ने मांगे हैं; बल्कि उनके पास आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड और राशन कार्ड है. यही एकमात्र दस्तावेज है जो बिहार के गरीब लोगों के पास है. यह स्पष्ट है कि जिन लोगों के पास ये 11 दस्तावेज नहीं हैं, उनके नाम सूची से हटा दिए जाएंगे.
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नई श्रम संहिता और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ आयोजित ‘‘चक्का जाम'' में शामिल होने के लिए बुधवार को पटना पहुंचेंगे. इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस (इंडिया) के नेताओं ने यह जानकारी दी. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार, बिहार के कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और वाम दलों के नेताओं के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की गई. कुमार ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पटना में आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे. यहां चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च प्रस्तावित है.
तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘हम पटना में राहुल गांधी के साथ रहेंगे, लेकिन आंदोलन पूरे बिहार में किया जाएगा. हम श्रम संहिता के खिलाफ चक्का जाम को समर्थन दे रहे हैं जो मतदाता सूची के पुनरीक्षण के समान ही लोकतंत्र पर हमला है.'' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. यादव ने आरोप लगाया कि इस कवायद के माध्यम से भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
उच्चतम न्यायालय में 10 जुलाई को है सुनवाई
उच्चतम न्यायालय निर्वाचन आयोग के बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 10 जुलाई को सुनवाई करेगा. राजद सांसद मनोज झा और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई नेताओं ने उच्चतम न्यायालय में याचिकाएं दायर की हैं जिसमें बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का निर्देश देने वाले निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती दी गई है.