बिहार में आज से जातीय सर्वे की शुरुआत होने जा रही है. राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इस मौके पर कहा कि आज बहुत ही ऐतिहासिक काम की शुरुआत आज होने जा रही है. इसका निर्णय बहुत पहले हो गया था. हम लोगों की यह मांग पहले से ही रही है. लेकिन केंद्र सरकार ने इसे पार्लियामेंट में भी टाल दिया. उन्होंने आगे कहा, “लालू जी के रहते हुए मनमोहन सरकार ने यह करवाया भी था. उसमें सारी चीजें थीं लेकिन बाद में भाजपा के लोगों ने डेटा को करप्ट बता दिया.
इसके बाद हमने विधानसभा में भी प्रस्ताव रखा था, प्रधानमंत्री से भी मिलकर आए थे. भारत सरकार से इसे पूरे देश में करने की मांग की थी भाजपा गरीब और दलित विरोधी है, ये लोग नहीं चाहते कि जातीय जनगणना हो.” इसलिए इन्होंने हरसंभव कोशिश की ताकि सही आंकडा सामने ने आए. इसलिए इन्होंने डेटा को करप्ट बता दिया. लेकिन आज इसकी शुरुआत हो रही है, जिसे कास्ट बेस्ड सर्वे का नाम दिया गया. जिससे हमारे पास साइंटिफिक डेटा होगा, उसी हिसाब से जरूरी और कल्याणकारी योजनाएं बनेगी.
तेजस्वी यादव ने कहा कि इसे ये मालूम होगा कि किसे आगे लेकर चलना है, कौन भूमिहीन है, कौन नाला साफ करता है, कौन कचरा ढोहता है और कौन भीख मांगता है. ये सभी आकंड़े हमारे पास होंगे. इसी को लेकर बीजेपी डरी हुई है. क्योंकि वो नहीं चाहती कि ये आंकड़ उजागर हो. इसी के साथ उन्होंने कहा कि बिहार सीएम ने अपनी यात्रा का मकसद भी बता दिया है, लेकिन हम तमाम विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहते हैं जिसको लेकर जिसे जो टिप्पणी करनी है करे, वो स्वतंत्र है, किसी पर कोई पाबंदी तो है नहीं.
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