राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव और उनके परिवार को लेकर ED ( प्रवर्तन निदेशालय) ने शनिवार को एक बयान जारी किया. इस बयान के साथ ED ने लालू परिवार की संपत्ति को लेकर एक लिस्ट भी जारी की. इस लिस्ट में लालू यादव और उनके परिवार के पास मौजूदा संपत्ति को लेकर जानकारी दी गई.ED द्वारा जारी की गई इस लिस्ट को लेकर अब बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है. उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया पर इस लिस्ट को लेकर एक पोस्ट भी साझा किया. फेसबुक पर लिखे अपने पोस्ट में तेजस्वी यादव ने कहा कि याद करिए- 2017 में भी भाजपाई सूत्रों के हवालों से जारी की जाने वाली गोदी मीडिया की हेडलाइन्स में कथित 8000 करोड़ का लेन-देन, हजारों करोड़ का मॉल, सैंकड़ों संपत्तियां, अभी चंद महीनों पहले गुरुग्राम में अरबों का White Land कंपनी का UrbanCube मॉल भी मिला था. भाजपाई अब कथित 600 करोड़ का नया हिसाब लाने से पहले अपने सूत्रों को पुराने का तो हिसाब दे देते…
भाजपा सरकार द्वारा सूत्रों के हवाले से इधर-उधर की भ्रामक अफवाह फैलाने अथवा खबर प्लांट करवाने की बजाय रेड के बाद हस्ताक्षर किए जाने वाले पंचनामे की सूची ही सावर्जनिक कर देनी चाहिए. अगर हम इसे सार्वजनिक कर देंगे तो इन बेचारे नेताओं की क्या इज्जत रहेगी? सोच लो...
तेजस्वी यादव ने ED के बयान और जारी की गई लिस्ट को लेकर एक ट्वीट भी किया. उन्होंने अपने इस ट्वीट में लिखा कि भाजपा सरकार द्वारा सूत्रों के हवाले से इधर-उधर की भ्रामक अफवाह फैलाने अथवा खबर प्लांट करवाने की बजाय रेड के बाद हस्ताक्षर किए जाने वाले पंचनामे (Seizure List) की सूची ही सावर्जनिक कर देनी चाहिए.
अगर हम इसे सार्वजनिक कर देंगे तो इन बेचारे नेताओं की क्या इज्जत रहेगी? सोच लो..
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार एक बयान में कहा है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार द्वारा कथित रूप से नौकरी के बदले जमीन मामले में अधिग्रहीत की गई भूमि कि कीमत वर्तमान में लगभग 200 करोड़ रुपये है. केंद्रीय एजेंसी ने लालू प्रसाद के परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अन्य संपत्तियों की एक लंबी सूची भी जारी की है और कहा है कि यह संपत्ति भी यादव परिवार ने उस घोटाले के माध्यम से ही अर्जित किया है. ईडी ने एक बयान में कहा कि अब तक की गई पीएमएलए जांच से पता चला है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार द्वारा रेलवे में नौकरी दिलाने के एवज में पटना और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर कई जमीनों का अवैध रूप से अधिग्रहण किया गया था.
ईडी कि तरफ से कहा गया है कि इन भूमि पार्सल का वर्तमान बाजार मूल्य 200 करोड़ रुपये से अधिक है. इस संबंध में, कई बेनामीदारों, शेल संस्थाओं और इन जमीनों के लाभकारी मालिकों की पहचान भी की गई है. रेलवे लैंड फॉर जॉब स्कैम में विशिष्ट खुफिया इनपुट के आधार पर, दिल्ली एनसीआर, पटना, मुंबई और रांची में 24 स्थानों पर तलाशी ली गई. खोजों के परिणामस्वरूप 1 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, 1900 अमेरिकी डॉलर सहित विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोने के सिक्के और 1.5 किलोग्राम से अधिक सोने के गहने (लगभग 1.25 करोड़ रुपये मूल्य) की बरामदगी हुई है. विभिन्न संपत्ति दस्तावेजों, बिक्री कार्यों आदि सहित कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं.
रेड के परिणामस्वरूप इस समय लगभग 600 करोड़ रुपये की अपराध की आय का पता चला है जो कि 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों के रूप में है और 250 करोड़ रुपये के लेनदेन विभिन्न बेनामीदारों के माध्यम से किए गए हैं.