राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए गलती से कही गई 'सीएम कार्यकाल' वाली बात पर तंज कसा है. तेजस्वी ने कहा कि ये बयान दर्शाता है, उन्होंने पहले से ही हार मान ली है. वह रविवार को पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर एक चुनावी रैली में जद (यू) सुप्रीमो की गलती का जिक्र कर रहे थे, जब उन्होंने पीएम मोदी (जो पीएम बनने से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर थे) के 'मुख्यमंत्री' बनने की कामना की थी. जब मंच पर मौजूद अन्य नेताओं को गलती का एहसास हुआ, तो नीतीश कुमार ने अपना बयान सुधारा.
एक रैली को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, "दिल की बात जुबान पर आ जाती है (जो उनके मन में था वह उनके मुंह से निकल गया). सीएम ने जो कहा वह सही है... मोदी जी दोबारा पीएम नहीं बनने जा रहे हैं. हम जानते हैं कि हमारे आदरणीय चाचा जी (नीतीश) दिल से चाहते हैं कि बीजेपी को केंद्र की सत्ता से हटा दिया जाए, ताकि बिहार बिना किसी पक्षपात के विकास करे. हम उनके अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं. नीतीश जी पहले भी कहते थे कि जो लोग आए हैं चौदह (2014) में, चौबीस (2024) में जाएंगे... पीएम मोदी के नेतृत्व वाला एनडीए पूरी तरह से हार जाएगा."
इसके अलावा, पीएम मोदी की हालिया "लूट बिहार" के बयान पर भी तेजस्वी ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, "बिहार के लोग किसी से नहीं डरते... ये गजब है कि एक 73 वर्षीय व्यक्ति (पीएम मोदी) 34 वर्षीय युवा को धमकी दे रहे हैं. जेल में बिहार के लोग गुजरात के लोगों से नहीं डरते... बिहार के लोग किसी से नहीं डरते, हमारे भगवान कृष्ण का जन्म जेल में हुआ था." दरअसल, पीएम मोदी ने पिछले हफ्ते बिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि एनडीए सरकार राज्य को लूटने वालों को नहीं बख्शेगी.
पीएम मोदी ने कहा था, "बिहार को लूटने वाले लोगों को हमारी एनडीए छोड़ेगी नहीं. मैं बिहार के लोगों को इस बात की गारंटी देता हूं कि जिन्होंने गरीबों को लूटा और नौकरियों के बदले जमीन ली, उन्हें न्याय का सामना करना पड़ेगा. उनकी जेल यात्रा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. एक बार उनकी हेलीकॉप्टर यात्रा समाप्त हो जाएगी, तो उनकी जेल की सज़ा शुरू होगी. यह मोदी की गारंटी है." इस पर पलटवार करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, "वह (प्रधानमंत्री) यहां आ रहे हैं और हमें धमकी दे रहे हैं कि वह हमें जेल भेज देंगे... क्या वह अदालत से ऊपर हैं? इससे साबित होता है कि एजेंसियां उनके अनुसार काम करती हैं."
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