दिल्ली में ED के सामने पेश हुए तेजस्वी यादव, करीब 9 घंटे तक चली पूछताछ

यह मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को कथित तौर पर उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों से जुड़ा है.

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नई दिल्ली:

बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए मंगलवार को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए. तेजस्वी यादव से जांच एजेंसी ने 9 घंटे तक पूछताछ की. ईडी दफ्तर से निकलने के बाद मीडिया से बात करते हुए राजद नेता ने कहा कि हम तो पहले से ही कह रहे हैं कि जब से सरकार बनी है तब से ये सब हो रहा है. सब 2024 के लिए किया जा रहा है.हमने जब कुछ किया ही नहीं है तो वो क्या पूछताछ करेंगे?

सीबीआई भी कर रही है मामले की जांच?

ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक अलग मामला दर्ज किया था. ईडी ने इसी मामले में तेजस्वी यादव का बयान दर्ज किया है. तेजस्वी यादव की बहन एवं सांसद मीसा भारती से भी ईडी ने 25 मार्च को इस मामले में पूछताछ की थी, उसी दिन तेजस्वी सीबीआई के समक्ष पेश हुए थे. दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने हाल ही में मामले में कार्रवाई शुरू की. सीबीआई ने लालू प्रसाद और उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की थी जबकि ईडी ने राजद प्रमुख के परिवार के खिलाफ जांच के सिलसिले में कई स्थानों पर छापेमारी की.

इसके बाद ईडी ने कहा कि उसने एक करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की और 600 करोड़ रुपये के अपराध से अर्जित आय का पता लगाया. एजेंसी ने कहा कि प्रसाद के परिवार और उनके सहयोगियों की ओर से विभिन्न स्थानों पर रियल एस्टेट सहित विभिन्न क्षेत्रों में किए गए और निवेश का पता लगाने के लिए जांच चल रही है.

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क्या है पूरा मामला?

यह मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को कथित तौर पर उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों से जुड़ा है. उस समय केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग-1) की सरकार थी. तेजस्वी यादव के बारे में विशेष उल्लेख करते हुए ईडी ने कहा था कि दक्षिण दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में डी-1088 स्थित एक संपत्ति एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत एक स्वतंत्र चार मंजिला बंगला है. इस कंपनी को इस मामले में ‘लाभार्थी फर्म' कहा गया है.ईडी ने कहा था कि यह कंपनी तेजस्वी यादव और उनके परिवार के स्वामित्व और नियंत्रण में है और यह घर केवल 4 लाख रुपये के मूल्य पर अधिग्रहित किया गया था, जबकि इसका वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 150 करोड़ रुपये है.

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