कोरोना वैक्सीन न लगवाने को लेकर सियासी हमले झेल रहे राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और तेज प्रताप यादव ( Tej Pratap Yadav) ने आखिरकार बुधवार को टीका लगवा ही लिया. तेजस्वी ने अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव के साथ स्पूतनिक वैक्सीन ली. स्पूतनिक वैक्सीन पटना के मेदांता अस्पताल में दी जा रही हैं, जहां इसकी अच्छी खासी मांग है. दोनों नेताओं के देश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू होने के करीब साढ़े पांच महीने बाद टीका लगवाया है. जबकि तेजस्वी यादव ने पिछले हफ्ते कहा था कि जब 70 फीसदी लोग कोरोना वैक्सीन लगवा लेंगे, तभी वो वैक्सीन की खुराक लेंगे.
गौरतलब है कि बिहार में वैक्सीनेशन की गति और लापरवाही को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव अक्सर नीतीश सरकार पर हमला बोलते रहे हैं, लेकिन सत्तारूढ़ नेता उन पर पलटवार कर पूछते हैं कि आखिर उन्होंने अब तक कोविड वैक्सीन क्यों नहीं लगवाई. देश में फिलहाल तीन तरह की वैक्सीन उपलब्ध हैं. इसमें स्वदेशी टीका कोवैक्सीन है, जो भारत बायोटेक ने तैयार की है. जबकि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हो रहा है.
भारत ने रूस की वैक्सीन स्पूतनिक वी को भी आपातकालन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. जल्द ही मॉडर्ना की वैक्सीन भी भारतीय अस्पतालों में दिखेगी, जिसे आपातकालीन इस्तेमाल के लिए स्वीकृति एक दिन पहले ही दे दी गई थी. हालांकि चारा घोटाले में जमानत पर जेल से बाहर लालू प्रसाद यादव पहले ही कोरोना वैक्सीन ले चुके हैं. तेज प्रताप यादव ने ट्वीटर कर वैक्सीन लेने की जानकारी दी.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, मैंने अपने भाई के साथ पटना के मेदांता अस्पताल में टीका लगवाया. उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन की चार तस्वीरें भी जारी कीं. तेजस्वी ने पहले तर्क दिया था कि वो 18 से 45 साल के आयुवर्ग के हैं और अभी पर्याप्त वैक्सीन नहीं हैं, लिहाजा वो 70 फीसदी लोगों के वैक्सीन लगवाने के बाद वो टीका लगवाएंगे. बीजेपी नेता सुशील मोदी वैक्सीन लगवाने में हिचकिचाहट को लेकर तेज प्रताप औऱ तेजस्वी पर निशाना साधते रहे हैं.
तेजस्वी यादव नीतीश कुमार की सरकार पर कोविड कुप्रबंधन का आरोप लगाते रहे हैं. उनका कहना है कि कोरोना से जितनी मौतें बताई गईं है, वास्तविकता में उनसे 15-20 गुना ज्यादा मौतें महामारी के कारण हुई हैं.