तमिलनाडु में भाषा विवाद लगातार (Tamilnadu Language Controversy) जारी है. सीएम एमके स्टालिन केंद्र पर गैर-हिंदी भाषीय राज्यों पर जबरन हिंदी थोपने का आरोप लगा रहे हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था कि NEP के तहत जिसका लक्ष्य 2030 तक रखा गया है, उसे तो तमिलनाडु पहले ही हासिल कर चुका है. इस पर अब अमित शाह ने उनको आईना दिखाया है. उन्होंने कहा कि तमिल सरकार पहले मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम तमिल भाषा में शुरू करे. उन्होंने दावा कि स्टालिन ने इस मामले में पर्याप्त काम किया ही नहीं. जबकि नरेंद्र मोदी सरकार ने क्षेत्रीय भाषाओं को समायोजित करने के लिए रिक्रूटमेंट पॉलिसी में अहम बदलाव किए हैं. अमित शाह ने कहा कि अभी तक CFPS भर्ती में मातृभाषा के लिए कोई जगह नहीं थी. पीएम मोदी ने फैसला किया कि हमारे युवा अब तमिल समेत आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में सीएपीएफ परीक्षा दे सकेंगे.
बता दें कि एमके स्टालिन तमिलनाडु में न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू करने के खिलाफ हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर NEP के जरिए हिंदी थोपने की कोशिश का आरोप लगाते हुए इसे तमिलनाडु की भाषाई पहचान के लिए खतरा बताया. स्टालिन ने कहा, "पेड़ को शांत रह सकता है, लेकिन हवा शांत नहीं होगी. उन्होंने तर्क दिया कि ये विवाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री की टिप्पणी से भड़का है. उन्होंने ही चिट्ठी लिखकर हमें उकसाया, जबकि हम बस अपना काम कर रहे थे. उन्होंने राज्य को हिंदी थोपने के लिए धमकाया. अब वह एक ऐसी लड़ाई को फिर से शुरू करने का परिणाम भुगत रहे हैं, जिसे वह कभी जीत ही नहीं सकते. तमिलनाडु को सरेंडर करने के लिए ब्लैकमेल नहीं होगा."
स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु वह पहले ही हासिल कर चुका है, जिसका लक्ष्य एनईपी ने 2030 तक रखा था. इसके साथ ही स्टालिन ने कहा, " ये बिल्कुल वैसा ही है जैसे कि LKG का स्टूडेंट किसी PHD होल्डर को लेक्चर दे रहा हो." तमिलनाडु सीएम ने कहा कि द्रविड़म दिल्ली से निर्देश नहीं लेते. वह राष्ट्र के लिए कुछ ऐसा उदाहरण सेट करते हैं, जिसे दूसरे फॉलो कर सकें.
सर्कस जैसा हस्ताक्षर अभियान हंसी का पात्र
स्टालिन ने बीजेपी पर NEP और तीन-भाषा फॉर्मूले का समर्थन करने के लिए हालही में चलाए गए हस्ताक्षर अभियान पर भी निशाना साधा. स्टालिन ने लिखा, "अब तीन-भाषा फॉर्मूले के लिए बीजेपी का सर्कस जैसा हस्ताक्षर अभियान तमिलनाडु में हंसी का पात्र बन गया है. उनको मैं चुनौती देता हूं कि वे 2026 के विधानसभा चुनावों में इसे अपना मुख्य एजेंडा बनाएं"