दोस्ती, दरिंदगी और ब्लैमेलिंग... तमिलनाडु के पोलाची में 8 लड़कियां कैसे बनीं सीरियल गैंगरेप का शिकार

पोलाची में 2016 से 2018 के बीच कई महिलाओं से यौन उत्पीड़न किया गया. अधिकतर पीड़ित कॉलेज छात्राएं थीं. साल 2019 में हुई एक घटना ने आरोपियों का पूरा काला चि्ठा खोलकर रख दिया. हुआ क्या डिटेल में जानें.

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तमिलनाडु के पोलाची में गैंगरेप के आरोपियों को उम्रकैद.
कोयंबटूर:

तमिलनाडु के पोलाची की उन 8 महिलाओं को 6 साल बाद आखिरकार इंसाफ मिल ही गया, जिनकी न सिर्फ अस्मिता के साथ खेला गया बल्कि उनको पैसे के लिए ब्लैकमेल भी किया गया. सीरियल गैंगरेप (Tamilnadu Gangrape Case)मामले में 9 लोगों को अब उम्रकैद हो चुकी है. कोयंबटूर की एक अदालत ने मंगलवार को 9 लोगों को गैंगरेप का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. अब मरते दम तक सभी आरोपियों को जेल में ही रहना होगा. साथ ही पीड़ितों को मुआवजे के तौर पर 85 लाख रुपए भी देने होंगे.  ये सब संभव हो सका 19 साल की एक लड़की के साहस और हिम्मत की वजह से. उसने अगर आवाज नहीं उठाई होती तो किसी को इन हैवानों के बारे में पता तक नहीं चलता. ये लोग न जाने और कितनी लड़कियों को अपना शिकार बना चुके होते.  इस बीच सवाल ये भी है कि आखिर हुआ क्या था. किस तरह से इस सीरियल गैंगरेप मामले का पर्दाफाश हुआ. 

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रिश्वंथ उर्फ ​​एन. सबरीराजन, के. थिरुनावुकारसु , एम. सतीश, टी. वसंतकुमार, आर. मणिवन्नन उर्फ ​​मणि, पी. बाबू उर्फ ​‘बाइक' बाबू, के. अरुलानंथम , टी. हारोनिमस पॉल और एम. अरुण कुमार... ये वो नाम हैं, जिन्होंने मासूम लड़कियों को अपना शिकार बनाया.

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तमिलनाडु के पोलाची में हुआ क्या था?

बात साल 2019 की है. तमिलनाडु लोकसभा चुनाव में कुछ ही हफ्ते बचे थे. तभी अचानक यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल रैकेट की बात उजागर हुई. पता चला कि इस रैकेट में शामिल लोगों ने महिलाओं को फंसाकर न सिर्फ उनके साथ गैंगरेप किया बल्कि उनके अश्लील वीडियो भी बना लिए. इसके बाद शुरू हुआ ब्लैकमेल कर पैसे वसूलने का धंधा. इन लोगों ने पीड़ित महिलाओं को धमकाते हुए कहा कि अगर उन्होंने इन लोगों के साथ यौन संबंध नहीं बनाए और इनको पैसे नहीं दिए तो उनके अश्लील वीडयो वायरल कर दिए जाएंगे. ये बात शायद इतनी आसानी से दुनिया के सामने भी नहीं आती अगर 12 फरवरी 2019 को 19 साल की कॉलेज छात्रा ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की अगर आवाज न उठाई होती.  

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झांसा देकर साथ ले गया, कार में लूटी इज्जत

दरअसल हुआ कुछ यूं कि पोलाची में रहने वाली 19 साल की कॉलेज छात्रा से उसके एक जानकार सबरीराजन ने कहा कि उसे उसके साथ कुछ जरूरी बात करनी है. उसने लड़की को मिलने के लिए पोलाची के एक बस स्टॉप पर बुला लिया. दोपहर के समय जब लड़की उस बस स्टॉप पर पहुंची तो सबरीराजन एक कार लिए वहां पहले से खड़ा था. साथ में उसका एक दोस्त थिरुनावुक्कारासु भी था. दोनों ने लड़की से कहा कि वह कार में बैठ जाए. रास्ते में वे लोग बात कर लेंगे. दोनों पर भरोसा करके लड़की कार में बैठ गई. थिरुनावुक्कारासु कार चलाने लगा. सबरीराजन बात करने के बहाने पीछे की सीट पर लड़की के साथ बैठ गया. 

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मारपीट कर वीडियो बनाया, पैसे मांगे, धमकाया

थोड़ी दूर पहुंचते ही अचानक से सतीश और वसंत कुमार नाम के दो और लोग उस कार में चढ़ गए. वहां से शुरू हुआ उस लड़की की अस्मिता पर प्रहार. चारों ने मिलकर लड़की के साथ जबरदस्ती की. न सिर्फ उसके कपड़े फाड़े बल्कि उसके साथ मारपीट भी की. उसका अश्लील वीडियो बना लिया. इतना ही नहीं आरोपियों ने लड़की के गले से गोल्ड चेन भी छीन ली. इसके बाद लड़की को यौन संबंध बनाने के लिए धमकाया गया. उससे पैसे मांगे गए. मांग पूरी नहीं करने पर उसके वीडियो को वायरल करने की धमकी दी गई. लड़की जब चीखने चिल्लाने लगी तो आरोपी उसे बीच में छोड़कर फरार हो गए. इसी घटना के बाद सीरियल गैंगरेप मामले का खुलासा हुआ. पता चला कि ये आरोपी उससे पहले भी कई लड़कियों को अपना शिकार बना चुके हैं. 

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लड़की ने पुलिस से लगाई न्याय की गुहार, केस दर्ज

थिरुनावुक्कारासु और सबरीराजन के फोन से तीन और महिलाओं के अश्लील वीडियो मिले. जिसके बाद लड़की ने अपने परिवार संग मिल यौन उत्पीड़न और उसके साथ हुई लूट की शिकायत पोलाची पुलिस से की. 24 फरवरी 2019 को तमिलनाडु पुलिस ने महिला यौन उत्पीड़न निषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत सबरीराजन, थिरुनावुक्कारासु, सतीश और वसंतकुमार के खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्ज कर लिया. 

लड़कियों को कैसे शिकार बनाते थे 9 हैवान?

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी सबरीराजन महिलाओं को अपना शिकार बनाने के लिए किसी एकांत जगह या फिर होटल में ले जाता था. वह या तो इन महिलाओं के साथ जबरदस्ती करता था या फिर उसको अपने जाल में फंसाकर राजी कर लेता था.  इस दौरान कहीं दूर छिपे उसके दोस्त उसकी हर एक हरकत को कैमरे में कैद कर लेते थे. उसके कुछ दोस्त तो पीड़ित को उसके चंगुल से बचाने का नाटक भी करते थे. 

कैसे पकड़े गए सीरियल गैंगरेप के आरोपी?

पुलिस जांच में पता चला कि इन लोगों ने साल 2016 से 2018 के बीच कई महिलाओं और लड़कियों को अपना शिकार बनाया और उनको ब्लैकमेल भी किया. साल 2019 में सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद से ये सभी जेल में बंद थे. इन सभी पर यौन उत्पीड़न, रेप, गैंगरेप, आपराधिक साजिश और एक ही महिला से बार-बार रेप करने समेत कई गंभीर आरोपों में मुकदमा लाया गया था. 

मोबाइल, लैपटॉप से मिले कई अश्लील वीडियो

19 साल की लड़की के साहस और हिम्मत की वजह से ही पोलाची के इस गिरोह का पर्दाफाश हो सका. मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली. जिसके बाद 5 और लोगों को गिरफ्तार किया गया. इन 9 आरोपियों समेत खासकर थिरुनावुक्कारासु के मोबाइल फोन और सबरीराजन के लैपटॉप से जांच एजेंसी को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में यौन उत्पीड़न, यौन कृत्यों और वेबसाइट से डाउनलोड पोर्न वीडियो भी मिले, जिनको देखकर जांच एजेंसी भी हैरान रह गई. इन वीडयो की मदद से सीबीआई बाकी बचे आरोपियों तक भी पहुंच गई. 
 

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