तमिलनाडु सरकार ने ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए स्टरलाइट कॉपर प्लांट को 4 महीने तक खोलने की दी अनुमति

सरकार द्वारा नियुक्त पैनल प्लांट के कामकाज की निगरानी करेगा. साथ ही यह भी कहा कि तांबा के उत्पादन की अनुमति नहीं होगी.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
वेदांता का स्टरलाइट प्लांट तीन साल बाद आंशिक रूप से फिर से खोलने के लिए तैयार.
नई दिल्ली:

मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए तमिलनाडु (Tamil Nadu) सरकार ने तूतीकोरिन स्थित वेदांता के स्वामित्व वाले स्टरलाइट कॉपर प्लांट ( Sterlite copper smelting plant) को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है. राज्य सरकार ने सोमवार को कहा कि वेदांत का स्टरलाइट कॉपर स्मेल्टिंग प्लांट, जिसे साल 2018 में पर्यावरण प्रदूषण पर स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद बंद कर दिया गया था, उसे आंशिक रूप से चार महीने तक के लिए फिर से खोलने की अनुमति दी गई है. तमिलनाडु सरकार की ओर से यह फैसला तब लिया गया, जब राज्य में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी गई. 

ऑक्सीजन की किल्लत: HC में जयपुर गोल्डन अस्पताल ने दिल्ली सरकार को घेरा, कहा- अफसर पूरी तरह फेल, सप्लायर से सीधे करने दें संपर्क

अधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त पैनल प्लांट के कामकाज की निगरानी करेगा. साथ ही यह भी कहा कि तांबा के उत्पादन की अनुमति नहीं होगी. इस निर्णय की घोषणा आज सर्वदलीय बैठक के बाद की गई जहां एमके स्टालिन की डीएमके ने सुझाव दिया कि स्टरलाइट को तमिलनाडु में "मुफ्त में ऑक्सीजन प्रदान करना चाहिए." DMK ने संयंत्र के कामकाज की निगरानी पर भी जोर दिया. 

Advertisement

थूथुकुडी सांसद व डीएमके नेता कनिमोझी ने कहा कि संयंत्र को फिर से खोलने और ऑक्सीजन के उत्पादन की निगरानी करने वाले पैनल में स्थानीय लोगों को शामिल करना चाहिए, जिन्होंने कॉपर प्लांट का विरोध किया था, इसलिए ताकि वे इस घटनाक्रम की निगरानी कर सकें. बता दें कि साल 2018 में, 17 स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शकारियों की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई थी, सीबीआई अभी भी मौतों की जांच कर रही है. 

Advertisement

देशभर में 800 अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई कर रहे हैं, सिर्फ दिल्ली वाले ही शिकायत कर रहे : कोर्ट में INOX

Advertisement

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा था कि आक्सीजन की कमी की वजह से लोग मर रहे हैं तो ऐसे में तमिलनाडु सरकार 2018 से बंद पड़ी वेदांता की स्टरलाइट तांबा संयंत्र इकाई अपने हाथ में लेकर कोविड-19 मरीजों की जान बचाने के लिये आक्सीजन का उत्पादन क्यों नहीं करती.? प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने दो टूक शब्दों में कहा था, ‘‘हमारी दिलचस्पी वेदांता या ए, बी, सी के चलाने में नहीं है. हमारी दिलचस्पी आक्सीजन के उत्पादन में है. किसी न किसी को कुछ न कुछ ठोस तो कहना चाहिए क्योंकि इस समय आक्सीजन की कमी की वजह से लोग मर रहे हैं.''

Advertisement

कोविड हालातों को देखते हुए बेंक्वेट हॉल को कोविड केयर सेंटर में किया गया तब्दील

Featured Video Of The Day
Delhi में आयोजित Lehar Art Exhibition में छात्रों द्वारा बनाए गए पेंटिंग्स, फिल्म, मैगजीन की पेशकश