तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने पढाई के लिए ली छुट्टी,ब्रिटेन में सीखेंगे 'नेतागिरी' के गुण

अन्नामलाई चेवनिंग गुरुकुल फेलोशिप फॉर लीडरशिप एंड एक्सीलेंस के लिए चुने गए हैं. यह फेलोशिप उन युवा नेताओं और प्रोफेशनल के लिए डिजाइन की गई है, जिनमें नेतृ्त्व करने की क्षमता है.यह सितंबर के मध्य से शुरू होगी और दिसंबर में पूरी होगी.

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नई दिल्ली:

तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के अन्नामलाई तीन महीने की छुट्टी पर जाने वाले हैं. इस दौरान वो ब्रिटेन के मशहूर यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई करेंगे.उन्हें तीन महीने की एक फेलोशिप मिली है. अन्नामलाई ने इसका फैसला लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही कर लिया थे. लोकसभा चुनाव में बीजेपी तमिलनाडु में कोई सीट नहीं जीत पाई थी.लेकिन वह अपना आधार बढ़ाने में सफल हुई थी.राज्य की 39 में से 12 सीटों पर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने दूसरा स्थान हासिल किया है. 

ब्रिटेन में कौन सी फेलोशिप मिली है?

अन्नामलाई चेवनिंग गुरुकुल फेलोशिप फॉर लीडरशिप एंड एक्सीलेंस के लिए चुने गए हैं. यह फेलोशिप उन युवा नेताओं और प्रोफेशनल के लिए डिजाइन की गई है, जिनमें नेतृ्त्व करने की क्षमता है.यह सितंबर के मध्य से शुरू होगी और दिसंबर में पूरी होगी.अन्नामलाई ने इस फेलोशिप को स्वीकार करने के लिए पार्टी नेतृत्व से इजाजत मांगी थी.

तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अन्नामलाई पीएम नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के अन्य शीर्ष नेताओं के साथ मंच साझा करते हुए नजर आए थे.आईपीएस की नौकरी छोड़कर आए अन्नामलाई को बीजेपी ने अपने कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर प्रदेश अध्यक्ष के लिए चुना था.

तमिलनाडु में बीजेपी का प्रदर्शन

अन्नामलाई ने कोयंबटूर सीट से चुनाव लड़ा था.वहां उन्हें डीएमके गणपति राजकुमार पी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.डीएमके उम्मीदवार ने उन्हें एक लाख 18 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था. लेकिन बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए राज्य की 39 में से 12 सीटों पर दूसरे स्थान पर रहा था. उसने एआईडीएमके को तीसरे स्थान पर खिसका दिया था. 

बीजेपी ने एक नेता के मुताबिक अन्नामलाई इस फेलोशिप को लेने के लिए काफी इच्छुक थे. वो इसे एक ब्रेक के रूप में देखते हैं जो उन्हें चुनाव के बाद रिचार्ज करने में मदद करेगा.नेता का कहना था कि अन्नामलाई की इस छुट्टी को चुनाव नतीजों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. यह उनका अपना निर्णय है. इसे उनके पुनर्वास के रूप में नहीं देखना चाहिए. 

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