नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान झांकियां विशेष आकर्षण होती हैं. विभिन्न राज्यों के लोगों के मन में ये जानने की उत्सुकता होती है कि उनके राज्य की झांकी कैसी होगी? इस बार भी कर्तव्य पथ पर जो झांकियां नजर आईं, वो बेहद खास रहीं. लेकिन झारखंड और उत्तर प्रदेश की झांकियों ने सभी का मन मोह लिया. उत्तर प्रदेश की झांकी में जहां 'अयोध्या का भव्य दीपोत्सव' नजर आया. वहीं, झारखंड की झांकी में देवघर के बाबा वैद्यनाथ धाम के दर्शन हुए. परेड में कुल 23 झांकियां देखने को मिलीं और सभी की थीम भी अलग-अलग थी. इनमें 17 झांकियां देश के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जबकि छह अलग केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की थीं.
मन मोह गई उत्तर प्रदेश की झांकी
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की खूबसूरत झांकी ने कर्तव्य पथ मौजूद सभी का मन मोह लिया. उत्तर प्रदेश की झांकी की थीम अयोध्या का भव्य दीपोत्सव था. अयोध्या का भव्य दीपोत्सव देखने के लिए विदेशों से भी लोग आते हैं. पिछले तीन साल में यह दूसरा मौका है, जब यूपी की थीम रामनगरी अयोध्या पर आधारित रही. इसे देख हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया. तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा कर्तव्य पथ गूंज उठा. बता दें कि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण इन दिनों बड़ी तेजी से हो रहा है. अगले साल जनवरी में राम मंदिर का कार्य पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है.
झारखंड की झांकी में देवघर के बाबा वैद्यनाथ धाम
कर्तव्य पथ पर झारखंड की झांकी में देवघर के बाबा वैद्यनाथ धाम को दिखाया गया. भगवान बिरसा मुंडा को भी झांकी में दर्शाया गया. झांकी के साथ कलाकार पाइका नृत्य करते दिखाई दिए. बिरसा मुंडा एक युवा स्वतंत्रता सेनानी और एक आदिवासी नेता थे. उन्हें 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक सशक्त विद्रोह के लिए याद किया जाता है.
इस झांकी की थीम नशा मुक्त भारत
पहली बार गणतंत्र दिवस की झांकी में नारकोटिक्स ब्यूरो ने भी हिस्सा लिया. गृहमंत्रालय के अधीन आने वाले इस विभाग की झांकी की थीम नशा मुक्त भारत रही. झांकी ने ड्रग्स के खिलाफ भारतवर्ष के सशक्त संकल्प को प्रदर्शित किया गया. इसके अलावा झांकी के दोनों तरफ देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों को वृक्ष कटौती के खिलाफ संकल्प लेते हुए दिखाया गया है. झांकी के निचले हिस्से में दोनों हाथों को मिलाकर नशे के खिलाफ सबकी सहभागिता और एकजुटता को भी दिखाया गया है.