हिंदुओं पर बढ़ते हमलों और कट्टरपंथी हिंसा के बीच देश में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. हादी की हत्या के बाद हालात और बिगड़े, जबकि दूसरी तरफ खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान 17 साल बाद लंदन से लौटकर चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हैं. रहमान की एंट्री से बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा बदलाव संभव है- क्या वे अगले प्रधानमंत्री बनेंगे? भारत में भी बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़ा एक्शन जारी है- दिल्ली, यूपी और असम में हजारों संदिग्धों को पकड़ा और डिपोर्ट किया जा रहा है. योगी और हेमंता सरकार ने साफ कर दिया है कि अवैध घुसपैठ बर्दाश्त नहीं होगी. अब सवाल यह है: क्या रहमान कट्टरपंथ पर लगाम लगा पाएंगे? क्या भारत-बांग्लादेश रिश्तों में सुधार होगा या तनाव बढ़ेगा?
बांग्लादेश में हालात
- हादी की हत्या के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन.
- हिंदुओं पर हमले—दीपू के बाद अमृत मंडल की हत्या.
- कट्टरपंथी हिंसा और धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़े.
भारत में प्रतिक्रिया
- करनाल समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन.
- बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़कर डिपोर्ट करने की कार्रवाई तेज.
- UP में 17 शहरों में ऑपरेशन, असम में BSF और पुलिस की सख्ती.
- इस साल हजारों घुसपैठियों की गिरफ्तारी, डिटेंशन सेंटर निर्माण.
राजनीतिक घटनाक्रम
- खालिदा जिया का बेटा तारिक रहमान 17 साल बाद बांग्लादेश लौटा.
- रहमान बीएनपी का कार्यकारी अध्यक्ष, अगला पीएम बनने का दावेदार.
- शेख हसीना की पार्टी चुनाव नहीं लड़ सकती, राजनीतिक खालीपन.
- रहमान ने भारत से रिश्ते सुधारने और सांप्रदायिक सौहार्द का वादा किया.
- चुनौती—कट्टरपंथी पार्टियों और जमात-ए-इस्लामी का दबाव.
भारत-बांग्लादेश संबंध
- मोदी ने खालिदा जिया की सेहत पर चिंता जताई, बीएनपी ने स्वागत किया.
- रहमान ने हिंदू-मुस्लिम एकता और स्थिरता का संदेश दिया.
- विशेषज्ञों का अनुमान—रहमान सत्ता में आए तो रिश्ते बेहतर हो सकते हैं.
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