स्याना हिंसा केस: मुख्य आरोपी योगेश राज SC से जमानत मिलने के बाद 29 अप्रैल को रिहा

साल 2018 को बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र स्थित चिंगरावठी चौकी पर उस समय हिंसा भड़क गई थी जब गांव महाव में गोवंश के अवशेष मिलने की खबर फैली. इसके बाद ग्रामीणों और अन्य संगठनों ने चौकी पर हमला कर दिया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Syana Violence Case: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के चर्चित स्याना हिंसा मामले के मुख्य आरोपी और बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक योगेश राज को आखिरकार 3 साल तीन महीने बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 12 दिन बाद 29 अप्रैल को योगेश को जेल से रिहा कर दिया गया. बता दें कि योगेश राज वर्तमान में बुलंदशहर जिला पंचायत का वार्ड पांच से निर्वाचित सदस्य है.

योगेश राज समेत दो अन्य आरोपियों को जमानत

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने 17 अप्रैल को योगेश राज समेत दो अन्य आरोपियों-जॉनी और डेविड को भी जमानत दी थी. ये दोनों भी हिंसा के दौरान तत्कालीन स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के आरोपी हैं.

SC ने ट्रायल जल्द पूरा करने के दिए निर्देश

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यदि रिहाई के बाद आरोपी किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल पाए जाते हैं, तो शिकायतकर्ता को उचित फोरम के सामने जाकर जमानत रद्द कराने का अधिकार रहेगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले के ट्रायल को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दे चुकी है. योगेश राज की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता लिज़ मैथ्यू और अधिवक्ता राजीव रंजन ने पैरवी की.

हिंसा में इंस्पेक्टर और युवक की गोली लगने से मौत

गौरतलब है कि 3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र स्थित चिंगरावठी चौकी पर उस समय हिंसा भड़क गई थी जब गांव महाव में गोवंश के अवशेष मिलने की खबर फैली. इसके बाद ग्रामीणों और अन्य संगठनों ने चौकी पर हमला कर दिया. इस हिंसा में तत्कालीन स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक युवक सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी.

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