सुल्तानपुर के एमपीएमएलए कोर्ट में पेश नहीं हुए स्वामी प्रसाद मौर्य, गैर जमानती वारंट जारी

कोर्ट में पेशी में नहीं पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य, अगली तिथि 4 फरवरी नियत की गई, 2014 के एक मामले में गैर जमानती वारंट है जारी

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स्वामी प्रसाद मौर्य (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य की आज सुल्तानपुर के MP-MLA कोर्ट में पेशी होनी थी, लेकिन वह पेश नहीं हुए. मामले में सुनवाई के दौरान परिवादी अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी ने कोर्ट के स्पेशल मजिस्ट्रेट योगेश यादव से कार्यालय लिपिक से अद्यतन स्थिति के बाबत रिपोर्ट मांगने की बात कही. कोर्ट ने मामले में अगली तिथि 4 फरवरी नियत की है.

बता दें कि साल 2014 में देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को 12 जनवरी को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वह पेश नहीं हुए. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 24 जनवरी तक उन्हें कोर्ट में हाजिर होने को कहा था.

पिछली पेशी पर हाईकोर्ट से हुए स्थगन की स्थिति स्पष्ट न होने के चलते कोर्ट ने कार्यवाही स्थगित कर दी थी. हाईकोर्ट से स्थगन की स्थिति स्पष्ट न होने एवं कोरोना संक्रमण की वजह से गिरफ्तारी वारंट की कार्रवाई भी नहीं हो सकी.

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने 11 जनवरी को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री पद और भाजपा से इस्तीफा दे दिया था. इसके अगले ही दिन कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया और 24 जनवरी तक पेश होने को कहा. स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कोर्ट की इस कार्रवाई के बाद लोग कयास लगा रहे थे कि भाजपा उनसे बदला ले रही है.

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स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट पहले से जारी था, लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट से 2016 से इस पर स्टे ले रखा था. इसी 6 जनवरी को MP-MLA कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य को 12 जनवरी को हाजिर होने को कहा था. जब वह हाजिर नहीं हुए तो पूर्व के गिरफ्तारी वारंट को ही जारी कर दिया.

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इस मामले में परिवादी अधिवक्ता अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि ''वर्ष 2014 में स्वामी प्रसाद मौर्या राष्ट्रीय महासचिव बसपा के थे और गौरी गणेश पर अभद्र टिप्पणी की थी. इससे क्षुब्ध होकर हम सबने एक परिवाद दाखिल किया था. परिवाद में 295 ए में उनको तलब किया गया था और उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. उन्होंने जिला न्यायायलय में रिवीजन प्रस्तुत किया वो निरस्त कर दिया गया और वे हाईकोर्ट गए. उनको स्थगन आदेश मिल गया. मामला विचाराधीन चल रहा था. उसमें 6 जनवरी को एमपीएमएलए कोर्ट में यहां प्रस्तुत होने के लिए आदेश दिया गया था. हाजिर नहीं होने पर 12 जनवरी को उनको वारंट जारी कर दिया गया जिसमें आज डेट लगी थी. कोरोना काल के चलते और हमारे यहां कंडोलेंस की कार्यवाही भी चल रही थी जिससे 4 फरवरी डेट तय की गई है.''

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