मुंबई में फिर एक संदिग्ध नाव एजेंसियों की नजर से बचकर किनारे तक पहुंच गई. हालांकि पुलिस की गश्ती नाव की उसपर नजर पड़ गई और रोक कर जब पुछताछ की गई तो पता चला कि नाव कुवैत की है और अवैध रूप से भारत आई है. लेकिन खतरे की बात यह है कि ये नाव कुवैत से मुंबई चली आई लेकिन किसी एजेंसी की नजर इस पर नहीं पड़ी.! मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के पास मुंबई पुलिस की गश्ती नौका चैत्राली की इस पर नजर पड़ी. तब ये हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ.
हालांकि नाव में सवार तीनों भारतीय मछुआरे निकले और उनके पास से कुछ भी संदिग्ध नही मिला. लेकिन चूंकि उन्होंने भारत में प्रवेश के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नही किया था इसलिए तीनों के खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम के उल्लंघन का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
तमिलनाडु के एक एजेंट कैप्टन मदन ने उन्हे दो साल पहले कुवैत भेजा था. वहां वे अब्दुला शरीफ की नाव अब्दुला शरीफ 1 पर मछुआरे के रूप में काम कर रहे थे. लेकिन इन दो सालों में नाव मालिक ने काम का एक भी पैसा नही दिया उल्टे उन्हे पीटता था.परेशान अछुआरों ने जब मालिक से अपना भारतीय पासपोर्ट मांगा तो मालिक ने उन्हें पासपोर्ट नहीं दिया और नौकरी छोड़कर भागने पर जान से मारने की धमकी दी.
जिसके बाद तीनों ने मिलकर भागने का प्लान बनाया और 28 जनवरी को नाव लेकर भारत की तरफ समंदर में निकल गए और 8 दिन बाद मुंबई किनारे पहुंचे.बहरहाल मुंबई पुलिस ने तो अपना काम बखूबी किया लेकिन नौसेना और कोस्ट गार्ड की भूमिका सवालों में है. अब संदिग्ध नाव के पकड़े जाने के बाद पुलिस के साथ आईबी, नौसेना, कोस्टगार्ड, इमिग्रेशन , एटीएस जैसी एजेंसियां जांच पड़ताल में जुटी हैं.
ये भी पढ़ें-: