भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद सुशील मोदी ने 12 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि उनके प्रयासों का उद्देश्य केवल खुद को सुर्खियों में बनाए रखना है, क्योंकि उनकी एकता की कवायद का गुब्बारा पहले ही फट चुका है. उन्होंने कहा कि जनता दल (यूनाइटेड) का चेहरा रहे कुमार विपक्षी दलों की कितनी भी बैठकें आयोजित कर लें, लेकिन यह स्पष्ट है कि उनकी एकता की कवायद जमीन पर कोई असर नहीं दिखा पा रही है.
मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में राज्य में कांग्रेस के एकमात्र विधायक को अपनी पार्टी में शामिल कराया और जयराम रमेश ने उन पर भाजपा की ‘बी-टीम' होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पंजाब और दिल्ली के नेताओं ने अपने नेतृत्व से कहा है कि वह आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन नहीं करे. मोदी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘विपक्षी एकजुटता के प्रयासों के गुब्बारे की हवा तो बनर्जी और (कांग्रेस अध्यक्ष) मल्लिकार्जुन खरगे जैसे नेताओं ने निकाल दी है. कुमार जितना हो सके कोशिश करते रहें, लेकिन यह स्पष्ट है कि विपक्षी एकता अव्यावहारिक है. वह लंबे समय से सुर्खियों से दूर थे और अब वह मीडिया में बने रहने के लिए यह सब कर रहे हैं.''
भाजपा नेता ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर समर्थन मांगने के लिए खरगे और राहुल गांधी से मिलना चाहते हैं, लेकिन गांधी उनसे मिले बिना ही अमेरिका चले गए. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कुमार जितनी चाहें उतनी बैठकें आयोजित कर सकते हैं, लेकिन क्या केरल में वाम और कांग्रेस या दिल्ली में आप और कांग्रेस या तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कांग्रेस हाथ मिलाएंगे.'' उन्होंने कहा कि कोई भी क्षेत्रीय पार्टी मुख्य विपक्षी दल को कोई जगह नहीं देगी क्योंकि इससे उनके अस्तित्व को खतरा है.
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