जनरल बिपिन रावत की निगरानी में हुई थी पाकिस्तान और म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक

जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख थे जब भारत ने 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण केंद्र को निशाना बनाकर हवाई हमले किए थे

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
जनरल बिपिन रावत (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) की आज तमिलनाडु में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 12 अन्य लोगों के साथ मौत हो गई. इस हादसे में घायल हुए एक व्यक्ति का इलाज किया जा रहा है. 63 वर्षीय जनरल बिपिन रावत उस समय सेना प्रमुख थे, जब भारत ने 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण केंद्र को निशाना बनाकर हवाई हमले किए थे. इसके कुछ दिनों बाद जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए एक आतंकी हमले में 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे.

जनरल रावत ने पड़ोसी म्यांमार में सीमा पार से चलने वाले आतंकवाद कि खिलाफ अभियान की निगरानी भी की थी. भारत ने सितंबर 2016 में नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक की थी, तब वह आर्मी के वाइस चीफ थे. इसके तीन महीने बाद उन्होंने सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाला था.

जनरल रावत एक सैन्य परिवार से थे. उनके परिवार में कई पीढ़ियों ने सशस्त्र बलों में सेवा की है. जनरल बिपिन रावत सन 1978 में सेकेंड लेफ्टिनेंट के रूप में सेना में शामिल हुए थे. उन्होंने चार दशकों तक देश की सेवा की. उन्होंने कश्मीर में और चीन की सीमा से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सेना की कमान संभाली.

जनरल रावत ने 2017 से 2019 तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में पदोन्नत होने से पहले सेना प्रमुख का पद संभाला. साल 2019 में सेना, नौसेना और वायु सेना के बीच एकीकरण और सुधार के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद स्थापित किया गया और वे पहले सीडीएस बने.

CDS जनरल रावत का निधन : देश के जांबाज़ योद्धा के बारे में जानें कुछ खास बातें

सेना के पूर्व प्रमुखों के अनुसार चार दशकों के अपने करियर में जनरल रावत ने युद्ध क्षेत्रों में और सेना में विभिन्न कार्यात्मक स्तरों पर कार्य किया.

Featured Video Of The Day
Madhya Pradesh: चलती बस में लगी आग, यात्रियों ने ऐसी बचाई जान...