"साइरस मिस्‍त्री के हादसे के बाद मैंने सीट बेल्‍ट लगाया" : 'खास दोस्‍त' के बारे में बात कर भावुक हुईं सुप्रिया सुले

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "अब मैं किसी से भी बात करूंगी तो रोड सेफ्टी के बारे में बात करूंगी. अगर सिर्फ चल भी रहे हों तो भी अलर्ट रहने की ज़रूरत हैं."

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नई दिल्‍ली:

'साइरस मेरा भाई-दोस्त था. हमारा एक बहुत प्यारा रिश्‍ता था. मेरे पति के साथ भी उनका नाता रहा है. हमारे बच्चे एक ही स्कूल में पढ़े हैं. उसकी मौत बहुत शॉकिंग है.' यह बात एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule)ने मशहूर कारोबारी साइरस मिस्‍त्री (Cyrus Mistry)को याद करते हुए कही. टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस को रविवार को एक कार दुर्घटना में निधन हो गया. हादसे के वक्‍त साइरस कार की पिछली सीट पर सवार थे और उन्‍होंने सीट बेल्‍ट नहीं पहना था. इस हादसे ने सड़क सुरक्षा (रोड सेफ्टी) को लेकर बहस को भी तेज कर दिया है. केंद्र सरकार अब जल्‍द ही कार की पीछे की सीट पर बैठने वालों के लिए भी सीट बेल्‍ट पहनना अनिवार्य करने जा रहे हैं. इस बारे में सुप्रिया ने कहा, "केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी जी को सुबह ही मैंने आभार व्‍यक्‍त किया है. पार्लियामेंट में हम सिर्फ झगड़ा नहीं करते. गडकरी साहब अच्छे सुझाव लेकर आते हैं. देश के हित के लिए हम सारे सांसद एक साथ खड़े रहते हैं. हम सेफ्टी के बारे में कहते बहुत हैं लेकिन करते नहीं हैं. मैं भी सीट बेल्ट नहीं लगाती थी लेकिन साइरस मिस्‍त्री के हादसे के बाद मैंने बेल्ट लगाई. हम टू व्‍हीलर के बारे में बात नहीं करते हैं. टू व्‍हीलर में में भी सेफ्टी के बारे में सोचने की ज़रूरत है."

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "अब मैं किसी से भी बात करूंगी तो रोड सेफ्टी के बारे में बात करूंगी. अगर सिर्फ चल भी रहे हों तो भी अलर्ट रहने की ज़रूरत हैं. चाहे कही भी हो अगर आप मोशन में हैं तो अलर्ट रहना चाहिए. मोटरसाइकल में कई लोग फोन पर बात करते हुए गाड़ी चलाते हैं. एक्सीडेंट होता है तो हम सोचते हैं कि बदलाव लाना है. ये सवाल लोगों की ज़िंदगी का है. कृपया टू व्‍हीलर चलाते हुए फोन पर बात मत कीजिए. इसके बारे में सोचने की ज़रूरत है. सेफ्टी को हम इंडियंस ज्‍यादा तवज्‍जो नहीं देते.

उन्‍होंने कहा, "मेरे निर्वाचल क्षेत्र में ही एक वेन में 10-20 बच्चे बैठे थे. मैंने उसे रोका और डांटा. मैंने स्कूल को भी कंप्लेंट की. उसके बाद वो ठीक हो गए. ये हम सीरियस नहीं ले रहे हैं. सेफ्टी इसमें सबसे ज़रूरी है. आज यदि कोई हेलमेट पहन के साइकल चलाए तो भी लोग हंसते हैं, इसमें हंसने की कोई बात नहीं है." उन्‍होंने कहा कि थोड़ी जिम्मेदारी हमें अपने स्तर पर लेनी चाहिए. इस बारे में सरकार कोशिश कर रही है तो लोगों को भी मानना चाहिए. अगर हम लोगों को बोल रहे हैं तो पहला सुधार हमें खुद से लाना चाहिए. 

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