राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और पार्टी नेता नवाब मलिक को उच्चतम न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के तीन दिन बाद उनका यहां एक निजी अस्पताल से बाहर निकलना “सच्चाई की जीत” है. मलिक को रात करीब आठ बजे उपनगरीय कुर्ला के निजी अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद सुले ने कहा, “मैं यहां अपने भाई को लेने आई हूं. सत्यमेव जयते!”
अस्पताल में न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान मलिक का इलाज चल रहा था. उच्चतम न्यायालय ने पिछले हफ्ते मलिक को दो महीने की अंतरिम जमानत दी थी. उन्हें 2022 की शुरुआत में धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था.सुले ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि नवाब मलिक या पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख या शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य संजय राउत की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण थी. आखिरकार, हमें अदालत के माध्यम से न्याय मिला.”
मलिक की बेटी और भाई की कुछ दिन पहले उपमुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर सुले ने कहा कि वह किसी राजनीतिक कारण से अस्पताल नहीं आई हैं. अजित पवार के करीबी नरेंद्र राणे द्वारा अपने कई समर्थकों को अस्पताल के बाहर मलिक का स्वागत करने के लिए कहने के बारे में पूछे जाने पर सुले ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
उन्होंने कहा, “जब अनिल देशमुख रिहा हुए तो मैं उन्हें लेने आई थी. वैसे ही मैं यहां नवाब भाई को रिसीव करने आई हूं. दुर्भाग्य से, उन्हें अन्याय का सामना करना पड़ा और उन्होंने इसे लंबे समय तक सहन किया. सच आखिरकार अदालत के माध्यम से सामने आ गया है. यह हम सभी के लिए बड़ी राहत है. यह हम सभी के लिए बहुत कठिन समय था.”सुले ने कहा कि उन्होंने मलिक और देशमुख के परिवार के सदस्यों की पीड़ा को करीब से देखा है.
उन्होंने कहा, “अदालत ने आखिरकार मलिक को दो महीने के लिए जमानत दे दी है. मुझे उम्मीद है कि इसे और बढ़ाया जाएगा. मैं उन्हें न्याय देने के लिए अदालत की आभारी हूं.”जब उनसे मलिक को किसी भी मीडिया बातचीत से प्रतिबंधित किए जाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे किसी भी आदेश की जानकारी नहीं है.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)