चुनावी बॉन्ड की बिक्री को लेकर केंद्र की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा SC

हाल ही में सरकार की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई है. इसमें 2018 की योजना में संशोधन किया गया था, जिससे बांड की बिक्री के लिए 15 दिनों का अतिरिक्त समय दिया जा सके.

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सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार की हालिया अधिसूचना के खिलाफ याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है.

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, जिसके बाद चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार की हालिया अधिसूचना के खिलाफ याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार की हालिया अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया, जिसमें गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी बांड की बिक्री को अधिकृत किया गया है.

इस याचिका को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख किया गया था. CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इसे उपयुक्त बेंच के समक्ष सूचीबद्ध करेंगे. इसको लेकर वरिष्ठ वकील अनूप चौधरी ने कहा कि इस योजना के खिलाफ नई अधिसूचना जारी की गई है. यह अधिसूचना पूरी तरह से अवैध है.

दरअसल, हाल ही में सरकार की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई है. इसमें 2018 की योजना में संशोधन किया गया था, जिससे बांड की बिक्री के लिए 15 दिनों का अतिरिक्त समय दिया जा सके.

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गौरतलब है कि वित्त अधिनियम 2017 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली सुप्रीम कोर्ट में कुछ याचिकाएं लंबित हैं, जिन्होंने चुनावी बांड का मार्ग प्रशस्त किया.14 अक्टूबर को, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने उन याचिकाओं को 6 दिसंबर तक के लिए टाल दिया था. मार्च 2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले चुनावी बांड की बिक्री पर रोक लगाने के लिए एक आवेदन को खारिज कर दिया था.

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