कुलदीप सेंगर की उम्रकैद सजा निलंबन के खिलाफ CBI की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

उच्च न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सेंगर की उम्रकैद की सजा 23 दिसंबर को निलंबित कर दी थी. अदालत ने कहा कि वह पहले ही सात साल पांच महीने जेल में बिता चुका है.

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  • सुप्रीम कोर्ट सोमवार को उन्नाव बलात्कार मामले में कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबन याचिका पर सुनवाई करेगा
  • सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी जिसमें सेंगर की आजीवन कारावास सजा निलंबित की गई थी
  • सीबीआई का तर्क है कि सेंगर विधायक रहते हुए लोकसेवक थे, इसलिए उन्हें सजा निलंबित नहीं किया जाना चाहिए
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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित कुलदीप सिंह सेंगर की उन्नाव बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने के दिल्ली हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है. सुनवाई सूची के अनुसार, भारत के प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और एवं ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की तीन सदस्यीय अवकाशकालीन पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी.

उच्चतम न्यायालय अधिवक्ता अंजले पटेल और पूजा शिल्पकार द्वारा दायर एक अलग याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है और उस पर रोक लगाने की मांग की गई है.

सीबीआई ने अपनी याचिका में एल. के. आडवाणी मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया था कि सांसद या विधायक जैसे सार्वजनिक पद पर रहने वाले व्यक्ति को लोकसेवक माना जाएगा. एजेंसी का कहना है कि उच्च न्यायालय ने यह कहकर गलती की कि अपराध के समय विधायक रहा कुलदीप सेंगर लोकसेवक नहीं था.

सीबीआई ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने यह ध्यान नहीं रखा कि संवैधानिक पद पर आसीन विधायक पर जनता का भरोसा एवं अधिकार होता है और ऐसी स्थिति में राज्य और समाज के प्रति उसकी जिम्मेदारी अधिक होती है.''

उच्च न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सेंगर की उम्रकैद की सजा 23 दिसंबर को निलंबित कर दी. अदालत ने कहा कि वह पहले ही सात साल पांच महीने जेल में बिता चुका है.

उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले में दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपील लंबित रहने तक सेंगर की सजा पर रोक लगाई. सेंगर ने दिसंबर 2019 के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है. हालांकि, वह जेल में ही रहेगा क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में 10 साल की सजा भी काट रहा है और उस मामले में उसे जमानत नहीं मिली है.

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जंतर मंतर पर पीड़ित पक्ष ने किया प्रदर्शन

इधर उन्नाव के 2017 के दुष्कर्म मामले की पीड़िता, उसके परिवार और कार्यकर्ताओं ने कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निलंबित किए जाने के खिलाफ रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया. अधिकारियों से सख्त जवाबदेही की मांग करते हुए, विरोध प्रदर्शन के दौरान मौजूद पीड़िता ने कहा कि उनके परिवार को और सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए.

पीड़िता ने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री से हमें सुरक्षा देने का अनुरोध कर रही हूं. ये लोग शक्तिशाली हैं. कृपया अपनी बेटी को बचाएं. मेरे पति को नौकरी से निकाल दिया गया था. हम बेरोजगार हैं, हम कहां जाएंगे?' प्रदर्शनकारियों ने दोषी के प्रति दिखाई गई कथित अनुचित नरमी के खिलाफ नारे लगाए और तर्क दिया कि अब तक की गई कार्रवाई सार्वजनिक उम्मीदों से कम रही है. पीड़िता की मां ने कहा कि उन्हें उच्चतम न्यायालय पर भरोसा है और उम्मीद है कि इस मामले में न्याय मिलेगा.

कुलदीप सेंगर के समर्थन वाले पोस्टर लेकर पहुंची महिला

इस बीच वहां थोड़ी देर के लिए हंगामा भी हुआ, जब एक महिला कुलदीप सेंगर के समर्थन वाले पोस्टर लेकर पहुंच गई. लोगों ने उसका विरोध भी किया. थोड़ी देर धक्का-मुक्की के बाद मामला शांत हुआ.

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