सुप्रीम कोर्ट आज एक बहुत ही अहम मामले में सुनवाई करने वाला है.यह मामला सुप्रीम कोर्ट की आलोचना का है. आलोचना का आरोप किसी आम व्यक्ति नहीं बल्कि हाई कोर्ट के एक जज पर लगा है.यह मामला पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से जुड़ा है. इस मामले का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. हाई कोर्ट के जस्टिस राजबीर सहरावत ने अवमानना मामले में दिए अपने आदेश में कहा था कि हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट की अधीनस्थ अदालत नहीं है. उन्होंने कहा था कि हाई कोर्ट में चल रही अवमानना की कार्रवाई में दखल देते समय सुप्रीम कोर्ट को सावधान रहना चाहिए.
इस मामले की सुनवाई करने वाले संविधान पीठ में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हृषिकेश रॉय शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला
पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में चल रहे अवमानना के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस राजबीर सहरावत ने 17 जुलाई को दिए आदेश में कहा था कि हाई कोर्ट सुप्रीम कोर्ट की अधीनस्थ अदालत नहीं है.उन्होंने कहा था कि इस बात को सुप्रीम कोर्ट भी स्वीकार कर चुका है.हाई कोर्ट में चल रही अवमानना की कार्रवाई में दखल देते समय सुप्रीम कोर्ट को सावधानी बरतनी चाहिए.उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में यह मानने की प्रवृत्ति है कि उसके पास वास्तव में उससे अधिक 'सुप्रीम' है और वह हाईकोर्ट को संवैधानिक रूप से अपने से कम 'उच्च' मानता है.जस्टिस सहरावत ने लिखा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट 'सुप्रीम' है तो हाईकोर्ट में भी कम 'हाई' नहीं है.
उन्होंने कहा था कि यह मामला हाईकोर्ट और सिविल जज जूनियर डिवीजन जैसा नहीं है. अवमानना की कार्रवाई के खिलाफ अपील सुप्रीम कोर्ट में नहीं बनती है बल्कि हाईकोर्ट की खंडपीठ में बनती है.जस्टिस सेहरावत ने इस मामले में जारी आदेश से हताशा व्यक्त करते हुए कहा था कि आदेश है तो पालन करना जरूरी है.इसलिए इस मामले की सुनवाई उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से याचिका पर फैसला आने तक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी थी.
किस मामले में सुनाया था फैसला
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में यह मामला भूमि अधिग्रहण से जुड़ा है. इसमें देरी के लिए ब्याज पर विवाद था. इस मामले में एकल पीठ और खंडपीठ से फैसला होने के बाद अवमानना याचिकाएं सुनने वाली बेंच सुनवाई कर रही थी.बेंच को बताया गया था कि अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पर रोक लगा दी है.
कौन हैं जस्टिस राजबीर सहरावत
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की बेवसाइट के मुताबिक जस्टिस राजबीर सहरावत हरियाणा के सोनीपत जिले के जागसी गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने हरियाणा के ही कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से 1986 में कानून की डिग्री ली है.कानून की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल की सदस्यता ली थी.कानून की पढाई के बाद जस्टिस सहरावत ने 1988 में रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीजी की डिग्री ली.
जस्टिस सहरावत सिविल, आपराधिक, श्रम, संवैधानिक और कानून के जटिल मामलों में फैसले सुनाए हैं. उन्होंने हरियाणा राज्य हथकरघा और हस्तशिल्प निगम, हरियाणा राज्य सहकारी आवास विकास संघ और हरियाणा वित्त निगम के कानूनी सलाहकार वकील रह चुके हैं.वो जुलाई 2001 से फरवरी 2004 तक हरियाणा के वरिष्ठ उप महाधिवक्ता के पद पर भी रहे हैं. जस्टिस सहरावत को 10 जुलाई, 2017 को चंडीगढ़ स्थित पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट एडिशनल जज बनाया गया था.
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