ऑक्‍सीजन संकट: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'दिल्ली में ऑक्सीजन की दहशत नहीं होनी चाहिए', 10 खास बातें

ऑक्सीजन मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को भी सुनवाई हुई. इस दौरान SC ने केंद्र सरकार के ऑक्सीज़न के बफर स्टॉक को लेकर सवाल उठाया. अदालत ने कहा कि ज़्यादातर अस्पताल SOS कॉल दे रहे हैं कि उनके यहां एक घंटे या दो घण्टे की ऑक्सीज़न बची हुई है. ऑक्सीज़न के बफर स्टॉक को सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्ली:

ऑक्सीजन मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को भी सुनवाई हुई. इस दौरान SC ने केंद्र सरकार के ऑक्सीज़न के बफर स्टॉक को लेकर सवाल उठाया. अदालत ने कहा कि ज़्यादातर अस्पताल SOS कॉल दे रहे हैं कि उनके यहां एक घंटे या दो घण्टे की ऑक्सीज़न बची हुई है. ऑक्सीज़न के बफर स्टॉक को सुनिश्चित किया जाना चाहिए.पिछले आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने बफर स्टॉक बनाने को कहा था उसको लेकर केंद्र सरकार ने क्या किया.

सुनवाई से जुड़ी 10 बातें..
  1. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि बेड के आधार पर ऑक्सीजन के आवंटन के केंद्र के फार्मूले में सुधार की जरूरत है.जब आपने फॉर्मूला तैयार किया तो हर कोई आईसीयू में नहीं जाना चाहता था.घर में ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. ये फार्मूला परिवहन, एम्बुलेंस और COVID देखभाल सुविधा को ध्यान में नहीं रखता है. दिल्ली के लिए आपका फार्मूला कमतर है.
  2. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमें मुद्दे को अखिल भारतीय स्तर पर देखने की जरूरत है. ऑक्‍सीजन का ऑडिट जरूरी है.एक बार स्टॉक जारी होने के बाद क्या जवाबदेही है.एक बार आवंटन हो जाने के बाद और अस्पतालों को स्टॉक के वितरण के लिए उचित मात्रा में आवंटन होता है या नहीं जो दिल्ली के लिए बफर बनाया जा सकता है. दिल्ली में ऑक्सीजन की दहशत नहीं होनी चाहिए.
  3. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'मैंने अखबार में तीसरी लहर के बारे में पढा है वैज्ञानिक कह रहे हैं.यह बच्चों को प्रभावित करेगी.जब हम तीसरी लहर की योजना बनाएं तो इस आयु वर्ग का टीकाकरण पूरा हो जाए. हमें वैज्ञानिक और समेकित तरीके से योजना बनाने की जरूरत है.'
  4. जस्टिस चंद्रचूड़ ने एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) से कहा कि जब आपने फार्मूला बनाया कि हर व्यक्ति को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होती, हर किसी को आईसीयू या वेंटीलेटर की आवश्यकता नहीं होती ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें घर पर रहने के लिए और घर पर आइसोलेट होने के लिए कहा गया हैजस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें जो करना है, वह यह है कि हम इसे पूरे भारत पर देखें, हमें ऑक्सीजन ऑडिट को देखने की जरूरत है.
  5. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप महामारी के चरण 2 में हैं, दूसरे चरण में भी कई मापदंड हो सकते हैं, लेकिन, अगर हम आज तैयार करते हैं तो हम चरण 3 को संभाल सकेंगे. SCने कहा कि यह सिर्फ एक राज्य को ऑक्सीजन आवंटित करने के बारे में नहीं है बल्कि एक उचित ऑक्सीजन ऑडिट की ज़रूरत है और वितरण के लिए एक उचित रूपरेखा होनी चाहिए.
  6. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीज़न का बफर स्टॉक बनाए जाने की ज़रूरत है जस्टिस शाह ने कहा कि अभी हम दिल्ली को देख रहे लेकिन ग्रामीण इलाकों का क्या, जहां ज़्यादातर लोग झेल रहे हैं, आपको एक राष्ट्रीय नीति बनाने की ज़रूरत है, आप सिर्फ आज की स्थिति को देख रहे हैं लेकिन हम भविष्य को देख रहे है उसके लिए आपके पास क्या प्लान है
  7. Advertisement
  8. इससे पहले, केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि  कुछ बड़े अस्पतालों को छोड़कर बाकी अस्पतालों में सिलेंडर होते हैं.वहां स्टोरेज 12 घंटे का ही होता है, ऐसे में वो संदेश भेजते हैं. इस पर जस्टिस शाह ने कहा कि लेकिन जब अस्पताल कहते हैं कि ऑक्सीजन खत्म हो रही है तो लोगों के मन में डर होता है.
  9. केंद्र सरकार ने कहा कि क्षमता भले 478 मीट्रिक टन की हो लेकिन औसत खपत 290 मीट्रिक टन है. हमने इस कोविड संकट के समय सप्लाई दोगुनी से ज्यादा कर दी है. टैंकर्स के अलावा सिलेंडर भी भेजे जा रहे हैं.
  10. Advertisement
  11. केंद्र के इस दावे पर जस्टिस शाह ने कहा कि जब आप ये दावे कर रहे हैं तो कई बड़े बड़े अस्पताल अदालतों में गुहार क्यों  लगा रहे हैं कि हमारे पास दो या तीन घंटों का ऑक्सीजन ही रह गया है. 
  12. दिल्ली सरकार के वकील मेहरा के टोकने पर जस्टिस शाह ने कहा कि अभी चुप रहें. आपको मौका मिलेगा, हियरिंग को चलने दें.केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि ऑक्सीजन ऑडिट की जरूरत है, सप्लाई हो रही है लेकिन लोगों तक नहीं पहुंच रही हैतो इसका मतलब कुछ केंद्र और कुछ दिल्ली के हिस्से में गड़बड़ है. 
  13. Advertisement


(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
PM Modi Kuwait Visit: PM मोदी के कुवैत दौरे का दूसरा दिन, Bayan Palace में दिया गया Guard Of Honour
Topics mentioned in this article