एलोपैथी और आयुर्वेद डॉक्टरों का नहीं होना चाहिए एक समान वेतन: SC ने खारिज किया गुजरात HC का आदेश

कोर्ट ने कहा कि एलोपैथी के डॉक्टर (Doctor) जिस तरह से इमरजेंसी ड्यूटी और ट्रॉमा केयर में कुशल होते हैं, वह काम आयुर्वेद के डॉक्टर नहीं कर सकते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एलोपैथी डॉक्टर (Doctor) और आयुर्वेद के डॉक्टर एक समान काम करते हैं, यह नहीं कहा जा सकता है. इसे देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि आयुर्वेद के डॉक्टरों और एलोपैथी के डॉक्टरों का वेतन एक जैसा होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट  के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सरकारी अस्पतालों में कार्यरत आयुर्वेद चिकित्सकों के साथ एलोपैथी डॉक्टरों की तरह बराबर व्यवहार किया जाना चाहिए. और समान वेतन का हकदार होना चाहिए. 

सुप्रीम कोर्ट  2012 के गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपीलों के एक बैच की सुनवाई कर रही थी. जिसमें कहा गया था कि आयुर्वेद चिकित्सक भी उसी तरह के व्यवहार के हकदार हैं जैसा कि एमबीबीएस डिग्री वाले डॉक्टरों के साथ किया जाता है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह इस तथ्य से अनजान नहीं हो सकता है कि दोनों श्रेणी के डॉक्टर निश्चित रूप से समान वेतन के हकदार होने के लिए समान कार्य नहीं कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि एलोपैथी के डॉक्टर जिस तरह से इमर्जेंसी ड्यूटी और ट्रॉमा केयर में कुशल होते हैं, वह काम आयुर्वेद के डॉक्टर नहीं कर सकते हैं. बेंच ने कहा कि आयुर्वेद के डॉक्टरों के लिए जटिल सर्जरी में मदद कर पाना संभव नहीं है, लेकिन एमबीबीएस डॉक्टर यह काम कर सकते हैं.

कोर्ट ने कहा कि पोस्टमॉटर्म में आयुर्वेद के डॉक्टरों की जरूरत नहीं होती. शहरों और कस्बों में जनरल हॉस्पिटल के ओपीडी में एमबीबीएस डॉक्टर सैकड़ों मरीजों को देखते हैं, यह बात आयुर्वेद के डॉक्टरों के साथ नहीं है.

ये भी पढ़ें-

Featured Video Of The Day
Bihar Election 2025: महागठबंधन में Congress Party को कम सीटे मिलने पर क्या बोले Kanhaiya Kumar?
Topics mentioned in this article