उच्चतम न्यायालय ने गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को धन शोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. मामले में, शीर्ष अदालत ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के वास्ते 10 मई से एक जून तक अंतरिम जमानत दी है.

Advertisement
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, लेकिन उन्हें नियमित जमानत के लिए निचली अदालत का रुख करने की छूट दे दी.

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. सिंघवी, केजरीवाल की ओर से, जबकि राजू ईडी की ओर से न्यायालय में पेश हुए.

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘दलीलें सुनी गईं. फैसला सुरक्षित है. हालांकि, अपीलार्थी कानून के अनुसार जमानत के लिए निचली अदालत का रुख कर सकते हैं.''

शीर्ष अदालत ने मामले की फाइल और 30 अक्टूबर 2023 के बाद दर्ज किये गए गवाहों और आरोपी के बयानों पर गौर किया. उसी दिन आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. सिसोदिया भ्रष्टाचार एवं कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपी हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को धन शोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. मामले में, शीर्ष अदालत ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के वास्ते 10 मई से एक जून तक अंतरिम जमानत दी है. धन शोधन का यह मामला, 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार तथा धन शोधन से संबद्ध है। यह नीति अब रद्द की जा चुकी है.

Featured Video Of The Day
Mumbai: NCP Ajit Pawar गुट के स्थानीय नेता की हत्या, अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज
Topics mentioned in this article