1993 बम धमाकों के दोषी अबू सलेम को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, तिहाड़ जेल शिफ्ट कराने की अर्जी खारिज

अबू सलेम ने अपनी याचिका में कहा था कि उसे तिहाड़ जेल ट्रांसफर किया जाए ताकि एमिकस उससे बात कर सके और कुछ दस्तावेज ले सके. इसके साथ ही सलेम ने कहा था कि प्रत्यार्पण की शर्तों के मुताबिक उसकी हिरासत गैरकानूनी है.

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1993 के मुंबई धमाकों में दोषी ठहराए गए अबू सलेम उम्रकैद की सजा काट रहा है.
नई दिल्ली:

1993 के मुंबई धमाकों (Mumbai Blast) में सजा काट रहे दोषी गैंगस्टर अबू सलेम (Abu Salem) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने झटका दिया है. मुंबई की तलोजा जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल ट्रांसफर करने की उसकी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. इसके अलावा उसने एक याचिका में अपनी हिरासत को गैरकानूनी ठहराने का आवेदन दिया था, कोर्ट ने उसे भी खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा कि याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करने की स्वतंत्रता है लेकिन जनहित याचिका के तहत सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका खारिज की जाती है. 

अबू सलेम ने अपनी याचिका में कहा था कि उसे तिहाड़ जेल ट्रांसफर किया जाए ताकि एमिकस उससे बात कर सके और कुछ दस्तावेज ले सके. इसके साथ ही सलेम ने कहा था कि प्रत्यर्पण की शर्तों के मुताबिक उसकी हिरासत गैरकानूनी है.

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बता दें कि 1993 के मुंबई धमाकों में कोर्ट ने अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसकी सजा वह काट रहा है. वह 1995 के बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या का भी दोषी है. इस मामले में उसे 25 साल की कैद हुई है.

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अबू सलेम को 20 सितंबर 2002 को पुर्तगाल के लिस्बन में गिरफ्तार किया गया था. बाद में 2005 में प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत सौंपा गया था. लिस्बन कोर्ट ने प्रत्यर्पण का आदेश देते हुए कहा था कि अबू सलेम को फांसी की सजा नहीं दी जा सकती.

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