जूडिशरी के लिए अलग बजट आवंटन की मांग वाली अर्ज़ी खारिज़, सुप्रीम कोर्ट का आदेश देने से इनकार

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दल-बदल कानून में भी स्पीकर को किसी समय-सीमा में बांधने से इनकार कर दिया था और कहा था कि यह संसद का काम है और हम उसमें दखल नहीं दे सकते.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
सुप्रीम कोर्ट ने देश की न्यायपालिका के लिए अलग से बजट आवंटन करने की मांग वाली अर्ज़ी खारिज कर दी है.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देश की न्यायपालिका के लिए अलग से बजट आवंटन (Separate Budget allocation) करने की मांग वाली अर्ज़ी खारिज कर दी है. मामले की सुनवाई करते हुए देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एन वी रमन्ना (CJI N V Ramana) ने कहा कि हम सरकार को कोष आवंटन के संबंध में आदेश नहीं दे सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने वकील दीपक कंसल की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की है. याचिका में कहा गया है कि न्यायपालिका को भारत सरकार की तरफ से जो फंड दिया जाता है, वह अपर्याप्त है. याचिका के मुताबिक भारत सरकार अधिकतर मामलों में पक्षकार होती है, ऐसे में निष्पक्षता पर सवाल उठना लाजमी है.

याचिका में कहा गया था कि इन पहलुओं पर गौर करते हुए सुप्रीम कोर्ट केन्द्र सरकार को आदेश दे कि वह स्वायत न्यायपालिका के लिए बजट में अलग से फंड का प्रावधान किया जाए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के लिए अलग से सचिवालय बनाने की मांग भी याचिका में की गई थी.

'स्पीकर पर हम नहीं थोप सकते समय-सीमा', CJI बोले- 'पहले पढ़कर आइए कर्नाटक में दल-बदल का फैसला'

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दल-बदल कानून में भी स्पीकर को किसी समय-सीमा में बांधने से इनकार कर दिया था और कहा था कि यह संसद का काम है और हम उसमें दखल नहीं दे सकते.

Featured Video Of The Day
UP के Sambhal से Bulandshahr तक मंदिरों और तहखानों का हुजूम, UP का “मंदिर मार्ग” किस जगह?