सुप्रीम कोर्ट का श्रीकृष्‍ण जन्‍मस्‍थान के पास अतिक्रमण के मामले में आगे दखल से इनकार, बंद की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमण की कार्रवाई पर लगी रोक हटाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता मुआवजे और पुनर्वास संबंधी मांगें निचली अदालत में लंबित मुकदमे की सुनवाई के दौरान अपनी बात रखें.

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सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मथुरा जिला अदालत को मेरिट के आधार पर सुनवाई का निर्देश दिया है. (फाइल)
नई दिल्‍ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मथुरा में श्रीकृष्‍ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद के पास अतिक्रमण के मामले में सोमवार को सुनवाई की. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तोड़फोड़ में आगे दखल देने से इनकार कर दिया और मामले की सुनवाई बंद कर दी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब मुआवजे और पुनर्वास पर निचली अदालत ही सुनवाई करेगी. इसके साथ ही मकानों पर बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने की गुहार लगा रहे याचिकाकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट से आगे राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने बुलडोजर कार्रवाई आगे रोक ना लगाते हुए सुनवाई बंद कर दी. 

सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमण की कार्रवाई पर लगी रोक हटाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता मुआवजे और पुनर्वास संबंधी मांगें निचली अदालत में लंबित मुकदमे की सुनवाई के दौरान अपनी बात रखें. कोर्ट ने मथुरा जिला अदालत को निर्देश दिया कि वो हमारे आदेश से बेअसर रहते हुए मेरिट के आधार पर सुनवाई करे. 

रेलवे और यूपी सरकार ने दिया था हलफनामा 
वहीं इस मामले में रेलवे और यूपी सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि वो मथुरा वृंदावन रेल की मीटर गेज लाइन को ब्रॉड गेज में परिवर्तन करने के सिलसिले में आए अतिक्रमण साफ कर चुका है. इसलिए इस याचिका पर सुनवाई बंद कर देनी चाहिए. 

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14 अगस्‍त को लगाई थी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक 
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान 14 अगस्त को बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. उसके दो दिन बाद कोर्ट ने रोक की अवधि बढ़ाने से मना कर दिया था क्योंकि सरकार ने कोर्ट को बताया था कि यह रेल की आमान परिवर्तन की योजना में बाधा है और 80 फीसदी अतिक्रमण हटा दिया गया है. इसी के बाद कोर्ट ने रोक की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया था. 

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