कोविड-19 संक्रमण से मरने वाले वकीलों के परिवार के सदस्यों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले वकील पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब समाज के अन्य सदस्यों को समान समस्या का सामना करना पड़ा तो अधिवक्ता को अपवाद बनाने का कोई कारण नहीं है.
कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा, 'आप काले कोट में हैं तो इससे आपकी जान ज्यादा कीमती नहीं हो जाती. आप वकील हैं तो इसका मतलब ये नहीं है कि कुछ भी दाखिल कर देंगे. इस तरह की पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन को रोकना होगा.'
दरअसल, वकील प्रदीप कुमार यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कोविड संक्रमण से मरने वाले वकीलों के परिवार के सदस्यों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश देने की मांग की थी. वकील ने तर्क दिया था कि सरकार महामारी के बीच समाज में अन्य समुदायों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, 'ऐसा नहीं हो सकता कि वकील इस तरह की जनहित याचिकाएं दायर करें और न्यायाधीशों से मुआवजे की मांग करें और वे अनुमति देंगे. आप जानते हैं कि बहुत सारे लोग मारे गए हैं. आप यहां अपवाद नहीं हो सकते.'
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