स्वाति मालिवाल केस: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आपराधिक धमकी देना, गैर इरादतन हत्या का प्रयास करने के आरोप से संबंधित धाराएं शामिल हैं. उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था.

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इस मामले की अगली सुनवाई अब 7 अगस्त को होगी.
नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) की सांसद स्वाति मालीवाल से कथित तौर पर मारपीट किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है और ⁠दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई अब ⁠7 अगस्त को होनी है. जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर वह घटना के तुरंत बाद 112 पर कॉल कर रही है, तो यह क्या दर्शाता है? मुख्यमंत्री का कार्यालय निजी आवास है? ⁠हम सकते में हैं. बिभव कुमार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि एफआईआर तीन दिन बाद दर्ज कराई गई. ⁠मालीवाल थाने गई लेकिन बिना एफआईआर दर्ज कराए लौट गई.

घटनाक्रम चिंता का कारण

सुप्रीम कोर्ट ने चार्जशीट के बारे में पूछा तो सिंघवी ने कहा कि जिस आदेश को हमने चुनौती दी है उसके बाद चार्जशीट दाखिल हुई है. सिंघवी ने हत्या के दो मामलों में आरोपी को जमानत मिलने का हवाला दिया तो जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमें उन मामलों का हवाला ना दें. ⁠क्योंकि यहां किस तरह से घटनाक्रम हुआ वो हमारी चिंता का कारण है.

सीएम का सरकारी घर निजी आवास है?

सिंघवी ने कहा कि पहले दिन वह (पुलिस के पास) गई, लेकिन कोई शिकायत नहीं की. लेकिन फिर कई दिन बाद शिकायत दर्ज हुई. जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि क्या मालीवाल ने 112 पर कॉल किया? अगर हां तो यह आपके दावे को झूठा साबित करता है कि उसने मनगढ़ंत कहानी गढ़ी. सिंघवी ने माना कि वो सीएम आवास गई थी. जस्टिस सूर्यकांतकांत ने पूछा कि क्या सीएम का सरकारी घर निजी आवास है? क्या इसके लिए इस तरह के नियमों की जरूरत है? हम हैरान हैं, यह मामूली या बड़ी चोटों के बारे में नहीं है. हाईकोर्ट ने हर बात को सही तरीके से सुना है.

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सिंघवी ने पूरा घटनाक्रम बताया. इस पर कोर्ट ने कहा कि ये सब तो आप घटना के बाद की बात बता रहे हैं. सुप्रीम ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि उनको (बिभव) शर्म नहीं आई...⁠वह एक महिला है. ⁠हम कॉन्ट्रैक्ट किलर, हत्यारों को भी जमानत देते हैं. ⁠लेकिन इस मामले में, किस तरह की नैतिक दृढ़ता है?

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