कंगना रनौत के विवादित ट्वीट्स के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार, यह बताई वजह...

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा, ' आप इस मामले में ना शिकायतकर्ता हैं तक नहीं हैं. तीसरे पक्ष के तौर पर आप इस मामले में कैसे केसों को एक थाने में ट्रांसफर मांग सकते हैं.

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याचिका में कंगना रनौत के भविष्य के सभी सोशल मीडिया पोस्ट को सेंसर करने के की मांग की गई थी
नई दिल्‍ली:

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana ranaut) के विवादित ट्वीट्स के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट पर पहले ही मामले दर्ज हो चुके हैं, पुलिस जांच कर रही है याचिकाकर्ता ने निजी शिकायत दी है, उस पर ही कार्यवाही करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपराधिक मामले में जनहित याचिका के तहत राहत नहीं मांगी जा सकती.कानून के शासन में हर उल्लंघन के उपचार की व्यवस्था है. आप इस मामले में निजी शिकायत पर कार्यवाही को आगे बढ़ा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा, ' आप इस मामले में  शिकायतकर्ता तक नहीं हैं. तीसरे पक्ष के तौर पर आप इस मामले में कैसे केसों को एक थाने में ट्रांसफर मांग सकते हैं. अगर किसी के खिलाफ देश के अलग- अलग 15-20 थानों में केस दर्ज हैं तो आप कैसे एक थाने में जांच की मांग कर सकते हैं? अगर कोई आरोपी इस मामले को लेकर आता तो अदालत ये बात मान सकती थी.

इससे पहले सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता चरणजीत सिंह चंद्रपाल ने कहा लेकिन क्या वह इस तरह की बातें फिर से कह सकती हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, इन्हें पढ़कर... जितना अधिक आप इसे प्रचारित करेंगे, उतना ही अधिक आप उनके उद्देश्य की पूर्ति करेंगे. आप अपने ही कारण का अहित कर रहे हैं याचिकाकर्ता ने कहा कि जब भी हम बाहर जाते हैं तो हमें कष्ट होता हैं.लोग सिख किसानों और दूसरों के बीच अंतर नहीं करते हैं. जब खालिस्तानी जैसे लेबल का इस्तेमाल किया जाता है तो यह बहुत हानिकारक होता है तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'मैं नहीं मानता कि आम भारतीय भेद नहीं कर सकता. एक तरीका यह है कि दूसरे को नज़रअंदाज किया जाए. कानून में अन्य उपायों का उपयोग किया जाए जो आपके लिए उपलब्ध हैं. लेकिन ये हम सिर्फ कह रहे हैं जरूरी नहीं कि आप मानें. '

गौरतलब है कि याचिका में कंगना रनौत के भविष्य के सभी सोशल मीडिया पोस्ट को सेंसर करने के की मांग की गई थी. इसमें भारत भर में कंगना रनौत के खिलाफ दर्ज सभी लंबित FIR को मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर करने की मांग भी की गई है. याचिका में इन मामलों में सभी चार्जशीट छह महीने में दाखिल करने और दो साल में ट्रायल पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के वकील चरणजीत सिंह चंद्रपाल ने यह याचिका दाखिल की गई थी. याचिका में कहा गया है कंगना रनौत के इंस्टाग्राम पोस्ट से बहुत आहत है  जिसमें सिख किसानों को खालिस्तानी आतंकवादी बताया गया है. इसके कहा गया कि रनौत के बयानों का मकसद दंगा भड़काना, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है और ये सिखों को "पूरी तरह से राष्ट्र विरोधी तरीके से" चित्रित करते हैं.  रनौत की टिप्पणी पूरी तरह से देश की एकता के खिलाफ है और उन्हें न तो नजरअंदाज किया जा सकता है  और न ही माफ किया जा सकता है.  

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