सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश देने की जनहित याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. कोर्ट ने दुर्गा दत्त की याचिका पर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट में दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि मौलिक अधिकारों के बारे में तो हर नागरिक बात करता है, लेकिन मौलिक कर्तव्यों के पालन पर सरकारें और नागरिक दोनों उदासीन हैं. सरकारों को इस बाबत कदम उठाते हुए नागरिकों को कर्तव्यों के प्रति संवेदनशील बनाना चाहिए. कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्यों को नोटिस में सरकारों से जानकारी मांगी है कि उन्होंने इस बाबत अब तक क्या क्या कदम उठाए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने वकील दुर्गा दत्त द्वारा दायर जनहित याचिका पर केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया जिसमें संविधान में निहित नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को लागू करने की मांग की गई है. अदालत ने लोगों को संवेदनशील बनाने और मौलिक कर्तव्यों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए तब तक उठाए गए कदमों पर सरकार से जवाब मांगा है.
याचिका में कहा गया है कि संविधान ने नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकार प्रदान किए हैं, लेकिन नागरिकों को लोकतांत्रिक आचरण और लोकतांत्रिक व्यवहार के कुछ बुनियादी मानदंडों का पालन करने की भी आवश्यकता है क्योंकि अधिकार और कर्तव्य एक साथ होते हैं. इसमें आगे कहा गया है कि न्यायपालिका सहित कई संस्थानों की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए मौलिक कर्तव्य महत्वपूर्ण उपकरण हैं. ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां कानून के अधिकारियों सहित लोगों द्वारा मौलिक कर्तव्यों का उल्लंघन किया गया है और जिसके परिणामस्वरूप अन्य नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है.