तो दोषी अफसरों को जेल भेज देंगे...: सोमनाथ मंदिर के पास बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

अवमानना ​​याचिका में गिर सोमनाथ के कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की मांग की गई है.

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सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई

सोमनाथ मंदिर के पास बुलडोजर कार्रवाई को लेकर दाखिल अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि अगर हमारे आदेश की अवमानना ​​हुई है तो दोषी अफसरों को जेल भेज देंगे. साथ ही आदेश देंगे कि सब फिर से बहाल किया जाए.  सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा. अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्तूबर के दिन होगी. हालांकि अदालत ने याचिकाकर्ता की यथास्थिति बरकरार रखने की मांग ठुकरा दी है. 

क्यों दाखिल की गई अवमानना याचिका

सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा कि ये मामला 2003 से चल रहा है. मुस्लिम समाज से समस्त पाटनी मुस्लिम जमात द्वारा सुप्रीम कोर्ट मे अवमानना याचिका दाखिल की गई. अवमानना ​​याचिका में गिर सोमनाथ के कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की मांग की गई है. याचिका में दरगाह मंगरोली शाह बाबा, ईदगाह, प्रभास पाटन, वेरावल, गिर सोमनाथ में स्थित कई अन्य स्ट्रक्चर के कथित अवैध विध्वंस का हवाला दिया गया है.

अवमानना याचिका में क्या कहा गया

अवमानना याचिका मे कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के आदेश के बाद बडे पैमाने पर तोडफोड की कार्रवाई की गई. गुजरात  की ओर से भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह तोड़फोड़ अभियान अदालत द्वारा 17 सितंबर के आदेश में सार्वजनिक स्थानों और जल निकायों से सटी भूमि पर अतिक्रमण के लिए बनाए गए अपवाद के अंतर्गत आता है. मामले का विषय सरकारी भूमि है, बेदखली की कार्यवाही 2023 में शुरू की गई थी.

पक्षों को व्यक्तिगत सुनवाई का समय दिया गया

नोटिस जारी किए गए और पक्षों को व्यक्तिगत सुनवाई का समय दिया गया. ⁠हालांकि पक्षों ने वक्फ ट्रिब्यूनल सहित कई अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली. यह एक जल निकाय, यानी समुद्र से सटा हुआ है. जो कि सोमनाथ मंदिर से 340 मीटर दूर है. ⁠इसलिए प्रक्रिया का पालन करने के बाद, यह कार्रवाई की गई है. ये अपवाद के अंतर्गत आता है.

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