उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार और एम्स से एक याचिका पर जवाब मांगा जिसमें (याचिका में) जानकारी मांगी गई है कि राष्ट्रीय महत्ता के संस्थान में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीईटी) में उम्मीदवारों को संस्थागत प्राथमिकता के आधार पर सीट संरचना का मानक किस तरह से तय किया गया है. न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्वास्थ्य मंत्रालय, एम्स और अन्य को एक छात्र संगठन की तरफ से दायर याचिका पर नोटिस जारी किया.
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पीठ ने कहा कि नोटिस जारी किया जाए जिस पर 10 जनवरी 2022 तक जवाब दाखिल किया जाना चाहिए. पीठ में न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नवरत्न भी शामिल थे. शीर्ष अदालत एम्स भोपाल के छात्र संगठन एवं अन्य की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने संस्थागत प्राथमिकता वाले छात्रों के लिए रोस्टर/पाठ्यक्रम वार सीट आवंटन पर सूचना देने के लिए भी कहा.
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