जस्टिस संजीव खन्ना कौन हैं, जो बनेंगे नए चीफ जस्टिस, जानें कितने महीने का रहेगा कार्यकाल?

12 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने CJI चंद्रचूड़ को एक लेटर भेजा था. इसमें उनसे अपने उत्तराधिकारी का नाम देने की गुजारिश की गई थी. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस संजीव खन्ना का नाम सुझाया था. गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने CJI के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना के नाम पर मुहर लगाई.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) 10 नवंबर को रिटायर होने जा रहे हैं. उनकी जगह अब सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज जस्टिस संजीव खन्ना भारत के मुख्य न्यायाधीश होंगे. जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर को नए CJI की शपथ लेंगे. उनका कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का रहेगा. जस्टिस संजीव खन्ना के 13 मई 2025 तक यानी अपनी रिटायरमेंट तक इस पद पर रहने की उम्मीद है.

दरअसल, 12 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने CJI चंद्रचूड़ को एक लेटर भेजा था. इसमें उनसे अपने उत्तराधिकारी का नाम देने की गुजारिश की गई थी. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस संजीव खन्ना का नाम सुझाया था. गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने CJI के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना के नाम पर मुहर लगाई. आइए जानते हैं कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना, जो लेंगे CJI डीवाई चंद्रचूड़ की जगह:-

कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की. 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन कराया. यहीं से उनकी कानूनी सफर की शुरुआत हुई. जस्टिस संजीव खन्ना पहले दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करते थे. फिर उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में प्रमोट किया गया. 

Advertisement

14 साल तक दिल्ली हाईकोर्ट के रहे जज
जस्टिस खन्ना 14 साल तक दिल्ली हाईकोर्ट में जज रहे. 2005 में एडिशनल जज और 2006 में स्थायी जज बने. जस्टिस संजीव खन्ना 18 जनवरी 2019 को वो भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में प्रमोट किए गए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी के अध्यक्ष पद का कार्यभार 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक संभाला. इस समय वे राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य भी हैं.

Advertisement

कई फील्ड में की प्रैक्टिस
जस्टिस संजीव खन्ना ने वैधानिक कानून, मध्यस्थता, कमर्शियल लॉ, कंपनी लॉ और आपराधिक कानून सहित अलग-अलग क्षेत्रों में प्रैक्टिस किया. उन्होंने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के वरिष्ठ स्थायी वकील के तौर पर काम किया. बाद में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) के रूप में जिम्मेदारी को संभाला. उन्होंने महत्वपूर्ण मामलों में दिल्ली हाईकोर्ट की मदद के लिए एमिकस क्यूरी (न्यायमित्र) के रूप में भी काम किया.

Advertisement

किन बड़े फैसलों में रहे शामिल?
जस्टिस संजीव खन्ना बिलकिस बानो केस में फैसला देने वाली बेंच में शामिल थे. उन्होंने अरविंद केजरीवाल को जमानत भी दी थी. उन्होंने केजरीवाल को एक बार अंतरिम बेल थी और बाद भी उन्हें नियमित बेल दी थी. VPAT का 100% वैरिफिकेशन, इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम, आर्टिकल 370 हटाने को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई करने वाली बेंच में जस्टिस संजीव शामिल रहे हैं. 

Advertisement

समलैंगिक विवाह वाले केस की सुनवाई से हट गए थे जस्टिस खन्ना
अगस्त 2024 में समलैंगिक विवाह पर 52 रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई से ठीक पहले जस्टिस संजीव खन्ना ने खुद को केस से अलग कर लिया था. 


 

Featured Video Of The Day
Pahalgam Terror Attack: बैसरन घाटी से आई ये तस्वीर देखी आपने ? | Baisaran Valley | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article