पहलगाम जैसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते... जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की याचिका पर आठ सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा. 

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • SC ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने वाली याचिका पर आठ सप्ताह के भीतर केंद्र से जवाब मांगा.
  • CJI बीआर गवई ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के जमीनी हालात और पहलगाम जैसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
  • तुषार मेहता ने बताया कि अनुच्छेद 370 हटाने और केंद्रशासित प्रदेश बनाने के फैसले को चुनावों ने बरकरार रखा है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को लेकर कई बड़ी टिप्पणियां की. कोर्ट ने कहा कि हमें जम्मू-कश्मीर में जमीनी हालात को ध्यान में रखना होगा. मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई की पीठ ने  कहा कि हम पहलगाम जैसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की याचिका पर आठ सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. 

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि चुनाव केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ को दिए गए वादे के अनुसार हुए हैं. जिसने अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले को बरकरार रखा था. तुषार मेहता ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन कुछ अजीबोगरीब परिस्थितियां हैं.

सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर की अजीबोगरीब स्थिति से वाकिफ है. याचिकाकर्ताओं के लिए माहौल बिगाड़ने का समय नहीं है. इसपर CJI गवई ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के जमीनी हालात पर गौर करना होगा और पहलगाम जैसी घटनाओं को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता.

Featured Video Of The Day
Putin India Visit: जासूस से राष्ट्रपति बनने तक का सफर | India Russia Relation | Shubhankar Mishra
Topics mentioned in this article