मिलावटी शहद के मामले में याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरांमेंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश भारतीय ब्रांडों का शहद मिलावटी है

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सुप्रीम कोर्ट.
नई दिल्ली:

मिलावटी शहद (Adulterated Honey) पर अंकुश लगाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. अदालत ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरांमेंट (CSE) से भी प्रतिक्रिया मांगी है, जिसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश भारतीय ब्रांडों का शहद मिलावटी है. यह नोटिस एंटी करप्शन ऑफ इंडिया द्वारा दायर जनहित याचिका पर जारी किया गया है. 

याचिकाकर्ता  ने कहा है कि मिलावटी शहद को रोकने के लिए समुचित कदम उठाए जाने चाहिए. शहद के सभी ब्रांडों की परीक्षण रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपी जाए. याचिकाकर्ता ने कहा है कि शहद प्राकृतिक है और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. इसका प्राचीन काल से ही दवा के रूप में उपयोग किया जाता है. COVID समय में भी ये शुद्ध होना चाहिए.

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में CSE की रिपोर्ट का हवाला दिया है. CSE की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख भारतीय ब्रांड शहद में चीनी सिरप मिलाते हैं. टेस्ट से बचने के लिए ये ब्रांड चीन से आयातित फ्रुक्टोज का इस्तेमाल करते हैं. चीन ने भी भारतीय कंपनियों को ऐसी तकनीक बेची है जिनसे टेस्ट से बचा जा सकता है. सीएसई की रिपोर्ट में कहा गया है कि 70 नमूनों में से केवल तीन परीक्षण सही पाए गए. याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकारें मिलावटी शहद बनाने वाली फैक्टरियों पर प्रतिबंध लगाए.

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