दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत (Arvind Kejriwal Interim Bail) दी जाए या नहीं, सुप्रीम कोर्ट आज इस बात पर विचार करेगा. अरविंद केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. फिलहाल वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच दिल्ली के सीएम की याचिका पर सुनवाई करेगी. 3 मई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मौजूदा लोकसभा चुनावों को देखते हुए अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने की संभावना का संकेत दिया था.
कोर्ट ने कानूनी कार्यवाही की संभावित समय लेने वाली प्रकृति को स्वीकार करते हुए दिल्ली में 25 मई को होने वाले चुनावों से पहले AAP प्रमुख को अंतरिम राहत देने के संबंध में ईडी की दलीलें सुनने की इच्छा जताई है. पिछली सुनवाई के दौरान, ईडी की तरफ से अदालत में पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने संबंधित मामले में जमानत पर रिहाई के बाद आप नेता संजय सिंह द्वारा दिए गए बयानों का हवाला देते हुए अरविंद केजरीवाल की जमानत पर विरोध जताया था.
"अंतरिम जमानत दे भी सकते हैं और नहीं भी"
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, "हम इस पर किसी भी तरह से टिप्पणी नहीं कर रहे, हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि अंतरिम जमानत पर सुनवाई करेंगे, यह नहीं कह रहे कि अंतरिम जमानत दे देंगे. हम अंतरिम जमानत दे भी सकते हैं और नहीं भी." बेंच ने अरविंद केजरीवाल की वर्तमान कानूनी दुविधा को देखते हुए उनके आधिकारिक कर्तव्यों, विशेष रूप से आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के संबंध में भी सवाल उठाए.
LG और AAP के बीच विवाद
ताजा विवाद तब खड़ा हुआ, जब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 'सिख फॉर जस्टिस' से राजनीतिक फंडिंग का आरोप लगाते हुए अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की. जवाब में, AAP नेताओं ने LG की सिफारिश को अरविंद केजरीवाल की छवि खराब करने के लिए बीजेपी की रची हुई एक और राजनीतिक चाल बताया था.
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