मेरठ के विक्टोरिया पार्क में 2006 में हुए अग्निकांड में उचित मुआवज़े की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश

विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में तीन स्तरों पर अब तक पीड़ितों को पांच लाख, दो लाख और एक-एक लाख की आर्थिक सहायता मिली है.  पीड़ितों का मानना है कि उन्हें उपहार सिनेमा कांड की तरह इंसाफ मिले.

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मेरठ के विक्टोरिया पार्क में 2006 में हुए अग्निकांड में पीड़ित चाहते हैं उपहार सिनेमा कांड की तरह इंसाफ मिले...
फाइल फोटो
नई दिल्ली:

मेरठ के विक्टोरिया पार्क (Meerut Victoria Park ) में 2006 में हुए अग्निकांड में उचित मुआवज़े की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से ADJ रैंक अधिकारी को  नामित करने का निर्देश दिया. दरअसल, 10 अप्रैल 2006 को मेरठ के विक्टोरिया पार्क में कंज्यूमर ब्रांड शो का आयोजन हुआ था. इसी दौरान भीषण अग्निकांड में 65 लोगों की मौत हो गई थी और 150 से अधिक लोग घायल हुए थे.  पीड़ितों ने संजय गुप्ता की अगुवाई में विक्टोरिया पार्क अग्निकांड राहत कल्याण समिति का गठन किया था. संजय गुप्ता और अन्य पीड़ितों की ओर से 2006 में ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.

न्यायिक जांच आयोग का भी गठन हुआ. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी विशेष जांच समिति ने भी रिपोर्ट दी. सुप्रीम कोर्ट में पीड़ितों, आयोजकों और सरकार की ओर से बहस भी पूरी हो गई  थी और सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था. याचिकाकर्ता का कहना है कि पीड़ितों को उपहार कांड की तर्ज पर मुआवजा मिले, वे यही चाहते हैं.

दिल्ली के उपहार सिनेमा कांड में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़ितों को 20-20 लाख का मुआवजा दिया गया था. विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में तीन स्तरों पर अब तक पीड़ितों को पांच लाख, दो लाख और एक-एक लाख की आर्थिक सहायता मिली है.  पीड़ितों का मानना है कि उन्हें उपहार सिनेमा कांड की तरह इंसाफ मिले.

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