TASMAC छापेमारी केस में सुप्रीम कोर्ट ने ED की कार्रवाई पर लगाई अस्थायी रोक

तमिलनाडु की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने टिप्पणी करते हुए कहा कि एक बार चुनाव हो जाने के बाद, कोई दिलचस्पी नहीं रहेगी.

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TASMAC में कथित भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच पर रोक लगा दी है. अदालत ने कहा है कि ED की जांच तब तक स्थगित रहेगी जब तक सुप्रीम कोर्ट PMLA के तहत ED के अधिकारों को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका पर फैसला नहीं कर लेता. मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई ने सुनवाई के दौरान कहा, "मुझे नहीं पता कि पुनर्विचार याचिका पर कब फैसला होगा. पिछले तीन सालों से मैं सुन रहा हूं कि [विजय मदनलाल मामले] की सुनवाई पीठ करेगी."

वकील कपिल सिब्बल ने क्या कहा

इस पर तमिलनाडु की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने टिप्पणी करते हुए कहा कि एक बार चुनाव हो जाने के बाद, कोई दिलचस्पी नहीं रहेगी. मुख्य न्यायाधीश ने इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा, "मैं कुछ नहीं कहना चाहता." इस पर सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने कहा, "यह पहले ही बताया जा चुका है कि माई लॉर्ड कुछ नहीं कहेंगे." जिस पर कपिल सिब्बल ने तंज कसते हुए कहा, "यह अच्छी बात है क्योंकि जो नहीं कहा जाता, वह बहुत कुछ कह देता है."

TASMAC के अधिकारी पर क्या आरोप

यह मामला 6 मार्च से 8 मार्च के बीच ईडी द्वारा TASMAC मुख्यालय पर की गई छापेमारी से जुड़ा हुआ है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि TASMAC के अधिकारी शराब की बोतलों की ज़्यादा कीमत वसूल रहे थे, साथ ही निविदाओं में हेराफेरी भी कर रहे थे और रिश्वत ले रहे थे, जिससे ₹1,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की वित्तीय अनियमितताएं भी सामने आई थीं. जिससे ये मामला सुर्खियों में आया.

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