अमेज़न के लिए सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है. SC ने अमेज़न के निवेशों को वापस लेने पर फैसला करने के लिए समय बढ़ाया और कंपीटिशन कमीशन ऑफ इंडिया ( CCI ) को दो हफ्ते और दिए. दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने CCI को अमेज़न के खिलाफ CAIT की शिकायत पर फैसला करने के लिए 29 नवंबर तक का समय दिया था इसके खिलाफ अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अमेज़न की याचिका पर सुनवाई की जिसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ( CCI) को अमेज़न को उसके द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के संबंध में फैसला लेने का निर्देश दिया गया था.16 नवंबर को, दिल्ली हाईकोर्ट ने एंटी-ट्रस्ट बॉडी को फ्यूचर कूपन में ईकॉमर्स दिग्गज के निवेश को मंजूरी रद्द करने के लिए दायर याचिकाओं पर फैसला देने का निर्देश दिया था जिसके बाद 22 नवंबर को अमेजन ने शीर्ष अदालत का रुख किया था.
हाईकोर्ट ने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा दायर याचिका में निर्देश दिया, जिसने हाल ही में CCI को पत्र लिखकर इसकी मंजूरी को रद्द करने की मांग की थी.अपनी याचिका में अमेजन ने कहा कि दिल्ली HC के हालिया आदेश ने CCIको अपने फैसले में तेजी लाने का निर्देश दिया है, जिसका सीसीआई और सुप्रीम कोर्ट सहित कई मंचों पर चल रही कार्यवाही पर “गंभीर प्रभाव” पड़ रहा है. अमेजन ने आरोप लगाया कि यह एक "रणनीतिक चाल है जो फ्यूचर रिटेल को पूर्वोक्त मध्यस्थता में मदद करने के लिए है
दरअसल 15 नवंबर को, CAIT ने फ्यूचर ग्रुप को लगभग 10,000 करोड़ रुपये के सामान की आपूर्ति करने वाले 6,000 व्यापारियों की सुरक्षा के मद्देनज़र फ्यूचर कूपन निवेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. CAIT ने अपनी याचिका में कहा है कि फ्यूचर ग्रुप की कंपनी में अमेजन का निवेश अमेरिकी अपील के आधार पर दिया गया था कि व्यापारियों को बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए या कॉरपोरेट दिग्गजों के बीच लड़ाई के कारण किसी भी वित्तीय नुकसान का सामना नहीं करना चाहिए. दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश के बाद, CCI ने 24 नवंबर को फ्यूचर कूपन में अमेज़ॅन के निवेश के मामले में फ्यूचर कूपन और CAIT के वकीलों को सुना था.